Jamshedpur : शनिवार 31 दिसम्बर, 2022
कोरोना अब तीन साल का हो चुका है। और चौथे वर्ष में प्रवेश कर चुका है। बड़ा होने के साथ-साथ उसमें नई ऊर्जा और नया विकास दर भी आ।चुका है। वर्ष 2019 के समय चीन में जन्मा कोरोना आज विश्व के हर कोने में अपनी पहचान बना चुका है।
आपको बता दें कि इसके आने के बाद और इसके प्रभाव से दुनियाँ एकदम से रुक सी गई है। एकबार फिर से यह अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। और दुनियाँ को डरा रहा है।
भारत के विभिन्न शहरों में इसके लिए दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं। जमशेदपुर शहर के जुगसलाई क्षेत्र में कोरोना का एक सक्रिय मरीज मिला है। जिस वजह से डर इस बात की है कि जो भी व्यक्ति इसके सम्पर्क में आया है कहीं उसे वही कोरोना अपनी चपेट में ना ले ले। कोरोना एक जानलेवा संक्रामक रोग है इससे बचाव के लिए एक – दूसरे से दूरी बनाकर रखना अति आवश्यक है। भीड़भाड़ क्षेत्र में मास्क लगा कर रखना, हाथों को साबुन से धोते रहना आवश्यक है।
11 मई, 2021 को इसे पहली बार भारत में पहचाना गया था। जिसे वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में पहचान दी गई। हालांकि यह 2019 के सितंबर-अक्टूबर माह में ही चीन में जन्म ले चुका था। हालांकि भारत में 21 मार्च 2020 में पहला लॉक डाउन लगा था। इसके आते ही यह दुनिया भर में तेजी से फैला, जिस वजह से WHO ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ कंसर्न’ के तौर पर वर्गीकृत किया।
कोरोना वायरस के विभिन्न रूपों, वेरियंट के बारे में चीन में एक शोध के द्वारा यह बात सामने आया की मनुष्यों में पाए जाने वाले कोरोना वायरस सभी एक जैसे नहीं होते हैं। उनमें अंतर होता है। ऐसी उम्मीद है कि भविष्य में COVID-19 स्वयं को बदलता रहेगा और विशेषज्ञों को नए वेरिएंट मिलते रहेंगे। यह पूरी तरह से कहना सही भी है और नहीं भी। क्योंकि बदलाव होता रहता है और होगा वही जो वायरस चाहते हैं।
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