समस्त विश्व में कोरोना का आतंक मचा हुआ है । वहीं भारत में इसने तांडव मचा रखा है। जैसा कि हमने पहले भी जिक्र किया है- कोरोना अपने आप को अपडेट कर रहा है, इसलिए कोरोना के नए लक्षण सामने दिखाई दे रहें हैं। जिसे समझना और पकड़ना मुश्किल हो रहा है।
इसकी थोड़ी-सी भी लापरवाही किसी के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। ऐसे समय में मामूली लक्षणों को नजरअंदाज करना नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए सही समय पर जांच और इलाज जरूरी है। लेकिन क्या आप जानते हैं किस प्रकार की जांच करानी चाहिए?
आइये जानते हैं कोरोना की जांच कब और कैसे कराने की आवश्यकता है साथ ही जांचोपरांत पॉजिटिव पाए जाने पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
1. रैपिड एंटीजन टेस्ट
नाक से जांच हेतु स्वैब लिया जाता है। मात्र 15 से 20 मिनट में रिजल्ट। यह थोड़े ही देर में बता देती है कि व्यक्ति कोरोना से पॉजिटिव है या नेगेटिव।
2. आरटी-पीसीआर
नाक एवं गले के तालू से स्वैब लिया जाता है। इसका रिजल्ट आने में 4 से 5 घंटे का समय लग जाता है। इस टेस्ट में सीटी वैल्यू से पता चलता है कि मरीज में वायरस कितना है। वैल्यू 24 से ऊपर वालों को कम खतरा होता है तो वहीं 24 से कम वालों को खतरा अधिक रहता है।
व्यक्ति को होम क्वारंटीन या आइसोलेशन वार्ड में कब रखना चाहिए?
जांचोपरांत यदि कोई पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे होम क्वारंटीन या आइसोलेशन वार्ड में रखना चाहिए। भले ही उनमें कोरोना के कोई भी लक्षण दिखाई न दें। लेकिन कभी-कभी हल्का बुखार, सर दर्द, सर्दी या खांसी या दोनों, गला बंद, गले में खराश, उल्टी-दस्त की शिकायत हो सकती है।
मरीज को हॉस्पिटल में आइसोलेशन के लिए कब ले जाना चाहिए?
परिवार के किसी सदस्य को यदि लगातार बुखार, सर्दी अथवा खांसी होता हो या सीने के सीटी स्कैन में घाव नजर आने लगे तो फौरन हॉस्पिटल में एडमिट करें।
यदि परिवार के किसी सदस्य को निमोनिया की शिकायत हो, खून में ऑक्सीजन की कमी, सांस लेने में परेशानी, ऑक्सीजन लेवल का घटना, दिल का दौरा, खून के थक्के जमना, किडनी में प्रोब्लम दिखाई दे तो उन्हें आईसीयू वार्ड में रेफर करना चाहिए।
कोरोना पॉजिटिव मरीज को कौन-सी दवा दे सकते है?
जमशेदपुर की डॉक्टर पुष्पा केरकेट्टा ने कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए निम्नलिखित प्रमुख दवाओं का सुझाव दिया है।
1. Tab. Doxycycline 100 mg x twice daily – 5 Days
2. Tab. Ivermectin 12 mg x once daily – 3 Days
3. Tab. Pan 40 x Once daily – 10 days
4. Tab. Azithral/Azithromycin 500 mg x once daily – 5 Days
5. Tab. Sinarest x twice daily – 5 Days
6. Tab. A to Z x once daily – 5 Days
7. Tab. Dolo 650 mg / Paracetamol 650 mg every 6 hours or SOS
8. Tab. Vit-C (Vitamin C chewable tablets with zinc) x once daily – 10 Days
नोट – Tab. Pan 40 सुबह खाली पेट / नास्ता करने से आधा घंटा पहले लेना है। वहीं Tab. Paracetamol केवल बुखार अथवा बदन दर्द होने पर ही लेना है।
इसके अलावा निम्न दवाएं भी कोरोना पॉजिटिव को दिए जा सकते हैं।
1. Remdesivir (रेमेडेसिविर) – यह मेडिसिन उन्हें दी जाती है जिनका आरटी – पीसीआर जांच में कोरोना की पुष्टि हुई है। या जिनके खून में ऑक्सीजन लेवल 94% से कम हो गया हो एवं सीने के सीटी स्कैन या एक्सरे में संक्रमण की पुष्टि हुई हो।
2. Fevipiravir (फेविपिराविर) – यह मेडिसिन 18+ मरीजों को दी जाती है, जिन्हें जांच में कोरोना की पुष्टि हुई है और जिन्हें बुखार व सांस लेने में दिक्कत आती हो।
इन सब के अलावा मरीज की हालत जब बहुत नाजुक हो जाती है, बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ होने लगती है और उसका ऑक्सीजन लेबल कम हो जाता है तब ब्लड प्लाज्मा थेरेपी की जाती है। यह थेरेपी 18+ लोगों को की जाती है।
घरों में आयुर्वेद के द्वारा भी लोग अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए बहुत से मसालों और जड़ी बूटियों का प्रयोग करते हैं। जिनका अधिक प्रयोग भी है हानिकारक हो सकता है, इसलिए इनके प्रयोग की सही जानकारी अवश्य प्राप्त कर लेनी चाहिए।
गिलोय, तुलसी, नीम, काली मिर्च, दालचीनी और चिरैता का अलग-अलग काढ़ा बनाकर पीने से भी इम्यून पावर को बढ़ाया जा सकता है। वहीं जांच में पुष्टि होने के बाद लगातार 3 से 4 दिनों तक भाप लेकर भी कोरोना वायरस को शरीर के अंदर जाने से रोका जा सकता है।
कोरोना से ठीक होने के बाद भी मास्क का प्रयोग अवश्य करें। दो गज की दूरी भी जरूरी है। अपना और अपनों का ख्याल रखें।
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