जमशेदपुर : केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में की गई घोषणा के अनुसार, 70 साल की उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को इलाज के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इस घोषणा ने कई वरिष्ठ नागरिकों के बीच असंतोष और सवाल खड़े कर दिए हैं। सिंहभूम केंद्रीय वरिष्ठ नागरिक समिति, जमशेदपुर के केंद्रीय अध्यक्ष, श्री शिव पुजन सिंह ने इस नीति की आलोचना करते हुए कहा कि पूरी दुनिया में वरिष्ठ नागरिकों को 60 साल की उम्र में ही सभी सुविधाएं दी जाती हैं, तो फिर भारत में इलाज की सुविधा 70 साल के बाद ही क्यों?
श्री शिव पुजन सिंह ने कहा, “यह सरकार की मानसिकता को दर्शाता है कि वह वरिष्ठ नागरिकों को दो भागों में बांटना चाहती है। सरकार को यह भी भलीभांति पता है कि 70 साल की उम्र के बाद बुजुर्ग कितने दिन जीवित रहते हैं। यह नीति केवल बुजुर्गों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बनाई गई है।”
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रेलवे छूट बंद और पेंशन पर सवाल
शिव पुजन सिंह ने आगे कहा कि एक तरफ सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे में मिलने वाली भाड़े में छूट की सुविधा बंद कर दी है, वहीं दूसरी तरफ उन्हें 70 साल के बाद ही चिकित्सा सुविधाएं देने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली पेंशन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “सरकार वरिष्ठ नागरिकों को मात्र 1000 रुपये पेंशन देती है, जबकि राजनेताओं को लाखों रुपये की पेंशन दी जाती है। यह असमानता है।”
संघर्ष की आवश्यकता
शिव पुजन सिंह ने जमशेदपुर के वरिष्ठ नागरिकों और नवयुवकों से आह्वान किया कि वे इस अन्याय के खिलाफ संघर्ष की रूपरेखा तैयार करें। उन्होंने कहा, “जब शासक महत्वाकांक्षी हो जाते हैं, तो देश में क्रांति होती है। आज के नवयुवक ही कल के वरिष्ठ नागरिक हैं, और उन्हें भी भविष्य में यही समस्याएं झेलनी पड़ेंगी। इसलिए मैं जमशेदपुर के सभी वरिष्ठ नागरिकों और नवयुवकों से आग्रह करता हूं कि वे एकजुट हों। मैं इस संघर्ष का नेतृत्व करने के लिए तैयार हूं, क्योंकि जुल्म को बर्दाश्त करना ही सबसे बड़ा अपराध है।”