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झारखंड

केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों के विरुद्ध श्रम संगठनों का संयुक्त कार्यक्रम का आह्वान।

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जमशेदपुर | झारखण्ड 

केंद्र सरकार की जनविरोधी राष्ट्रविरोधी नीतियों के खिलाफ मजदूर वर्ग के राष्ट्रव्यापी अभियान के क्रम में राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय कन्वेंशन के बाद आज 02 जुलाई 2023 को, टिनप्लेट वर्कर्स यूनियन गोलमुरी सभागार में श्रम संगठनों का कोल्हान स्तरीय संयुक्त कन्वेंशन का आयोजन किया गया, जिसमें इंटक, एटक सीटू ऐक्ट, एचएमएस, एआईयूटीयूसी आदि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ- साथ अराजपत्रित कर्मचारी, बैंक, बीमा, डाक, बीएसएनएल, सेल्स प्रमोशन, डीवीसी और रेलवे कर्मचारियों के फेडरेशनों एवं झारखंड वर्कर्स यूनियन के कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। 

श्री राकेश्वर पांडे, श्री के के त्रिपाठी एवं कॉ० बी एन सिंह की अध्यक्षता में आयोजित आज की कन्वेंशन में रखा गया घोषणा पत्र में बताया गया कि आज जनता के साथ-साथ हमारे देश की स्थिति चिंताजनक ही नहीं बल्कि संकटग्रस्त बना हुआ है और इसके लिए केंद्र सरकार की मौजूदा नीतियां ही जिम्मेदार है जो न केवल मजदूर विरोधी किसान विरोधी और जनविरोधी है, बल्कि राष्ट्रविरोधी भी है। ये नीतियां न केवल हमारी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था बल्कि हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए भी विनाशकारी साबित हुई है।”

घोषणापत्र का समर्थन में, वक्ताओं ने गहरा असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि अभूतपूर्व बेरोजगारी के साथ- साथ रोजगार की स्थिति और गुणवत्ता में लगातार गिरावट महगाई पर काबू पाने में विफलता मौजूदा श्रम कानूनों का घोर उल्लंघन, कॉरपोरेट हित में नया कानून बनाने की प्रक्रिया सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में लगातार कटौती आदि के कारण आम जनजीवन गहरे संकट में है। वक्ताओं ने अति अमीरी और कॉरपोरेटों को लाभ पहुंचाने की उन नीतियों पर भी रोष व्यक्त किया जो राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के मौजूदा संकट को और गहरा कर रही है जिसमें राष्ट्रीय संपत्तियों और उद्यमों का निजीकरण, कॉरपोरेट्स को छूट और राहतें शामिल हैं। 

एक तरफ कारपोरेट और अति अमीरों के पक्ष में नीतियां लगातार बदली जा रही है, तो दूसरी तरफ आय की बढ़ती असमानता, भोजन, दवाओं पर जीएसटी लगाना, पेट्रोलियम उत्पादों पर उच्च उत्पाद शुल्क स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली के निजीकरण ने सत्तारूढ़ दल के जनविरोधी चरित्र को उजागर किया है। घोषणा पत्र यह उल्लेख किया गया कि इन तमाम विनाशकारी नीतियों को लागू करने के क्रम में संवैधानिक और लोकतांत्रिक मानदंडों का उल्लंघन या उन्हें कमजोर किया जा रहा है जनवादी आन्दोलनों को कमजोर करने की मंशा से नफरत की राजनीति एवं बहुसंख्यक सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के तहत विभाजनकारी नीति अपनाया जा रहा है तथा विरोध की आवाजों का गला घोंटने के लिए कानूनी और प्रशासनिक उपायों का इस्तेमाल सत्तावादी शासन शैली में किया जा रहा है। 

इस पृष्ठभूमि में जनता बचाओ देश बचाओ नारे तथा वैकल्पिक नीतियों के तहत, चार मजदूर विरोधी लेबर संहिताओं को समाप्त करना, किसानों के लिए वैधानिक एमएसपी सुनिश्चित करना विनिवेश और एनएमपी के प्रयासों को समाप्त करना, बिजली संशोधन विधेयक एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति वापस करना, अनौपचारिक क्षेत्र के कामगार ठेकेदार कामगार एवं स्कीम वर्करों के लिए कानूनी तथा सामाजिक सुरक्षा, समान काम के लिए समान वेतन, शहरी क्षेत्रों के लिए रोजगार गारंटी तथा मनरेगा की मजबूतीकरण सुनिश्चित करना, पुरानी पेंशन स्कीम लागू करना, पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क कम करना मूल्य वृद्धि पर रोक लगाने के साथ- साथ, करने राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए अमीर और कॉर्पोरेट पर उच्च कर लगाने तथा जन सुविधाओं के क्षेत्रों में सार्वजनिक निवेश में वृद्धि के मांगों को दोहराया गया। कन्वेंशन में राष्ट्रीय हित में एकता और सौहार्दपूर्ण जीवन तथा विनाशकारी नीतियों को हराने के लिए के लिए लड़ाई जारी रखनेका भी संकल्प लिया गया।”

कन्वेंशन में विनाशकारी नीतियों को उजागर करने तथा इससे देश और जनता को बचाने के लिए वैकल्पिक नीतियों की मांगों के संबंध में संयुक्त प्रचार और कार्रवाई की रूपरेखा तय की गई जिसके तहत जुलाई माह में सघन जनसंपर्क कार्यक्रम किया जायेगा तथा 9 अगस्त को जिला एवं प्रखंड स्तरीय प्रदर्शन के उपरांत 10 अगस्त को रांची में राजभवन के समक्ष राज्य स्तरीय महापड़ाव का आयोजन किया जायेगा। 

सम्मेलन का उद्घाटन श्री राकेश्वर पांडे द्वारा किया गया कार्यवाही का संचालन श्री विश्वजीत देव और हीरा अरक ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन श्री द्वारा किया गया। सभा को संबोधित करते हुए आदि वक्ताओं द्वारा मेहनतकश जनता से उन कॉरपोरेट और सांप्रदायिक गठजोड़ को हराने की अपील की गई, जिनके प्रभाव में सरकार द्वारा ऐसी विनाशकारी नीतियां बनाई जा रही है जिससे आम जनता के जीवन, आजीविका और अधिकारों पर अभूतपूर्व हमले हो रहे हैं और राष्ट्र के हित खतरे में पड़ रहे है। बैठक में राकेश्वर पांडे, संयोजक, केंद्रीय श्रम संगठनों का संयुक्त मंच कोल्हान, ट्रेड यूनियनों के नेतृत्व में विभिन्न कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद थे।

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