सरकार और किसान संगठनों के बीच हुई नौवे दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही। कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में चल रहे कृषक आंदोलन को कई दिन हो चुके है। आखिर इस आंदोलन की मांग है क्या जिसे लेकर मानने को तैयार नहीं हो रही है।
इन सबके बीच कृषक आंदोलन विवादों में भी आ रहा है। आरोप लगाए जा रहे है कि इस आंदोलन में खालिस्तान मूवमेंट से जुड़े कई संगठन एक्टिव है जो आंदोलन के बहाने अलगाववादी एजेंडे को बढ़ावा दे रहे है।
जानकारी के मुताबिक सिंघु बार्डर पर बुधवार को मुफ्त पगड़ी वितरण कार्यक्रम था। जो की आंदोलन में शामिल किसानों को यह बांधी जानी थी। मुफ्त पगड़ी वितरण कार्यक्रम का आयोजन सिख यूथ फेडरेशन भिंडरवाला नामक संगठन ने किया था। कार्यक्रम के मुख्य संचालक रंजीत सिंह शुरु से ही कृषक आंदोनल से जुड़े हैं लेकिन वे खालिस्तानी संगठनों के साथ सहानुभूति भी रखते है।
आपको बता दें की रंजीत सिंह खालसा-दल से भी जुड़े हुए है और स्वर्णमंदिर में खालिस्तान के पोस्टर और बैनर लहरा चुके है। वहां कुछ बुक स्टाल में ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारे गए जरनैल सिंह भिंडरवाला और पंजाब में अलगाववाद का समर्थन करने वाले उनके साथियों का महिमामंडन करने वाली किताब शहीद ए खालिस्तान भी बांटी गई।