डायमंड जुबली लेक्चर हॉल कॉम्प्लेक्स, एन आई टी जमशेदपुर में “कुंभ महापर्व की वैज्ञानिकता”
JAMSHEDPUR : कार्यक्रम की शुरुआत भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र (आईकेएस) के अध्यक्ष एवं उप निदेशक प्रो आर वी शर्मा द्वारा स्वागत उद्बोधन से आरंभ हुआ जिसमें उन्होंने प्रो पांडे के संक्षिप्त उपलब्धियों को प्रस्तुत किया| पूर्व वैज्ञानिक प्रो पांडे 3 पूर्व माननीय प्रधानमंत्रियों स्व पी वी नरसिंहराव जी, स्व चंद्रशेखर जी एवं स्व अटल बिहारी वाजपेई जी के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप कार्य कर चुके है। तदोपरांत माननीय निदेशक महोदय प्रो गौतम सूत्रधार ने प्रो पांडे के खगोल विज्ञान और ब्रह्मांड विज्ञान में की गई उनकी उपलब्धियों द्वारा उनका संबोधन किया। डॉ पांडे ने अपने संबोधन में बताया कि एन आई टी जमशेदपुर के निदेशक महोदय प्रो गौतम सूत्रधार जी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ निदेशक है।
Read More : कांग्रेसियों ने अबू बकर सिद्दीकी पी से किया शिष्टाचार मुलाकात, जनहित के कई मुद्दों पर हुई चर्चा
प्रो पांडे ने कुंभ महापर्व की वैज्ञानिकता पर विशेष व्याख्यान दिया। उन्होंने अपने व्याख्यान में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कुम्भ की महत्वत्ता के बारे विस्तार से बताया साथ ही जल तरंगों का वैदिक मंत्रों के बीच संबंधों का भी वैज्ञानिक विश्लेषण प्रस्तुत किया| डॉ पांडे ने कहा कि प्रयागराज का कुम्भ बाकी तीनों कुंभ हरिद्वार (गंगा नदी), उज्जैन (शिप्रा नदी) एवं नासिक (गोदावरी नदी) से सर्वश्रेष्ठ है। क्योंकि प्रयागराज त्रिस्टो देवियों दुर्गा, लक्ष्मी एवं सरस्वती अर्थात गंगा, जमुना एवं सरस्वती का संगम है। प्रो पांडे ने बताया कि चेतना से चेतना को ऊर्ध्व रेखा की तरफ ले जाने की महा यात्रा को कुंभ कहते है यानी कि कुंभ एक दुर्लभ क्षण है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ मनीष झा ने किया। कार्यक्रम में डॉ गौरी शंकर मिश्र (नाड़ी वैद्य एवं आयुर्वेदाचार्य), श्री रमेश कुमार त्रिपाठी (सचिव विधान सभा उ.प्र), डॉ निशीथ कुमार राय (कुल सचिव, एन आई टी जमशेदपुर), प्रो शशि भूषण प्रसाद एवं सभी संकायों के विभागाध्यक्ष, डीन एवं बड़ी संख्या में संकाय सदस्यों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया और डॉ पांडे के व्याख्यान को ध्यान से सुना।