जमशेदपुर: 3 मई 2024, मजदूर दिवस के शुभ अवसर पर, करीम सिटी कॉलेज के हिंदी विभाग ने “हिंदी कहानी में श्रमजीवन” विषय पर एक विचारोत्तेजक संगोष्ठी का आयोजन किया।
संगोष्ठी की अध्यक्षता हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. एस.सी. गुप्ता ने की, जबकि डॉ. फिरोज आलम ने विषय प्रवेश कराते हुए श्रमिक जीवन की वास्तविकता का चित्रण किया। उन्होंने हिंदी साहित्य में श्रमिक जीवन को दर्शाने वाली अनेक कहानियों पर प्रकाश डाला।
यह भी पढ़े : मारवाड़ी युवा मंच के सदस्यों ने बीमार और घायल गाय की सेवा की
इसके बाद, छात्रों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया और अपने विचार व्यक्त किए। राहुल मंडल, प्रतिभा त्रिपाठी, निशा भट्टाचार्य और खुशबू कुमारी जैसे छात्रों ने श्रमिकों के जीवन, संघर्षों और योगदानों पर सारगर्भित विचार प्रस्तुत किए।
अध्यक्षीय भाषण में डॉ. गुप्ता ने प्रेमचंद से लेकर समकालीन लेखकों की रचनाओं का उल्लेख करते हुए श्रमिक जीवन से जुड़े विभिन्न मुद्दों और चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने ‘सवा सेर गेहूँ’ (प्रेमचंद) और ‘गंगा की जाया’ (भीष्म साहनी) जैसी कहानियों का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए श्रमिकों के जीवन की कठोरताओं और उनकी आकांक्षाओं को रेखांकित किया।
यह भी पढ़े : गायत्री परिवार के टाटानगर शाखा में गोष्ठी का आयोजन
संगोष्ठी का समापन प्रतिभा त्रिपाठी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी छात्रों, शिक्षकों और अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
यह संगोष्ठी श्रमिकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का एक सराहनीय प्रयास था, जिन्होंने हमारे समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।