जमशेदपुर, 23 अप्रैल 2024: टाटा स्टील फाउंडेशन एवं एन.एस.एस के संयुक्त तत्वावधान में आज करीम सिटी कॉलेज में “बुनियादी जीवन नियम सहायता” नामक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को प्राथमिक उपचार और जीवन रक्षक तकनीकों के बारे में जागरूक करना था।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में टाटा स्टील फाउंडेशन की डॉ. पुष्पा तिवारी, शेखर रजक, शहीद राजा जमाली, संबिता महतो और जमुना पात्र उपस्थित थे। कॉलेज की ओर से एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. आले अली, एनएसएस समन्वयक सयैद साजिद परवेज़ और सेंट्रल करीमिया स्कूल के शिक्षक भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
कार्यक्रम के तीन मुख्य भाग थे:
- सीपीआर प्रशिक्षण: विद्यार्थियों को सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) की बुनियादी तकनीक सिखाई गई, जिसका उपयोग हृदय गति रुकने पर किसी व्यक्ति की जान बचाने के लिए किया जाता है।
- चोकिंग प्रशिक्षण: विद्यार्थियों को हेमलिक मैनोवर (चोकिंग से बचाव) की विधि सिखाई गई, जिसका उपयोग किसी व्यक्ति के गले में फंसे भोजन या अन्य वस्तु को निकालने के लिए किया जाता है।
- सड़क यातायात दुर्घटना जागरूकता सत्र: विद्यार्थियों को सड़क यातायात सुरक्षा नियमों और दुर्घटनाओं से बचने के उपायों के बारे में जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के दौरान, विद्यार्थियों को इन सभी तकनीकों का व्यावहारिक प्रदर्शन भी दिखाया गया। इसके बाद, उनसे इन विषयों से संबंधित प्रश्न पूछे गए, जिनका उन्होंने सफलतापूर्वक उत्तर दिया।
कार्यक्रम का महत्व:
डॉ. पुष्पा तिवारी ने कहा कि “किसी दुर्घटना के समय इन तरीकों को अपनाकर किसी मरीज की जान बचाई जा सकती है। इसलिए सभी के लिए इन प्राथमिक उपचारों की जानकारी होना आवश्यक है।”
यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी रहा। इससे उन्हें ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई जो किसी भी आपातकालीन स्थिति में उनके लिए जीवन रक्षक साबित हो सकती है।
कार्यक्रम का आयोजन:
कार्यक्रम का आयोजन एनएसएस के स्वयंसेवकों द्वारा किया गया, जिन्होंने इसे सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एनएसएस समन्वयक सयैद साजिद परवेज़ ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया और कहा कि एनएसएस ऐसे ही कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा ताकि विद्यार्थियों को सामाजिक रूप से जागरूक बनाया जा सके।
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निष्कर्ष:
“बुनियादी जीवन नियम सहायता” कार्यक्रम एक सफल पहल थी जिसने विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण जीवन रक्षक कौशल प्रदान किए। यह कार्यक्रम निश्चित रूप से भविष्य में किसी भी आपातकालीन स्थिति में उनकी मदद करेगा।