सरिया | झारखण्ड
सरिया मेरी जान, बड़की सरिया नगर पंचायत के सफाई कर्मी की पहचान, नगर पालिका के अधिकारि बन रहे अंजान।
स्वच्छ भारत मिशन 2023 को मुंह चिढ़ाता नगर निगम। कचड़ा का अम्बार, कचड़ा प्रबंधन में शून्य और खुले में शौच आज भी नगरों में जारी है। फिर काहे का – स्वच्छ भारत।
आज हम बात कर रहे हैं सरिया अनुमंडल छेत्र के हटिया टांड़ रोड की, जिसकी कहानी बहुत हीं निराली है। खास कर नगर पालिका होने के बाबजूद, सफाई कर्मी के द्वारा सफाई से ज्यादा ऊपरी कमाई पर विशेष ध्यान रहता है। नगर पालिका के रोड से महज 10 फिट की दूरी का नजारा आप तस्वीर में देख सकते हैं।
इस रोड में रहने वाले निवासी नगर पालिका विभाग द्वारा तय की गई होल्डिंग टैक्स लगातार देते आ रहे है। बावजूद सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति।
सप्ताह में सिर्फ एक दिन गुरुवार को सफाईकर्मी आपको सफाई के नाम पर दिख जाएंगे, बाकी के दिनों में ये सभी लोग अपना जुगाड में लगे रहते हैं। आप तस्वीरों में साफ़ देख सकते है, किस तरह से सफाई कर्मी, पूरे बाजार से सफाई के नाम पर, प्लास्टिक, लोहा, कार्टून मतलब जिस भी कचरे से इनका स्वार्थ पूरा हो, उसे हीं ये उठाते हैं और बाकी के कचरा जस का तस वहीँ रहता है जहां इसे फेंका गया था। यही कचड़ा दुर्गंध और बीमारी को निमंत्रण देता है।
हालाकि इस काम को अंजाम देने में स्थानीय निवासियों का भी हाथ है। अपने घर के छत से गंदे कपड़े, बच्चों के डायपर, किचन के बचे हुए खराब खाने, जैसी तमाम गंदगी खिड़की से बाहर। रास्ता चलते सड़क पर फेंकना, गाड़ी चलते समय कचड़े को इधर उधर सड़क पर फेंकना यह सब भी यहाँ आम है। जबकि यहां के नगर पंचायत के अधिकारी इन सब बातों से बिलकुल अंजान हैं। क्या इनलोगों पर नगर निगम या पंचायत की तरफ से कोइ नहीं लेनी चाहिए?