जमशेदपुर | झारखण्ड
नई दिल्ली के जंतर मंतर पर महिला पहलवानों के आह्वान पर आयोजित होने वाली महापंचायत में शामिल होने जा रहें सामाजिक कार्यकर्ता व जन आंदोलन के महत्वपूर्ण नेताओं सहित आन्दोलनकारी पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को गिरफ्तार करने की कड़ी निन्दा करते हुए ए.आई.डी.एस.ओ. के महासचिव सौरव घोष ने निम्न बयान जारी किया-
“नई संसद से कुछ ही मीटर की दूरी पर, जिसका आज देश के प्रधानमंत्री “लोकतंत्र के मंदिर” के रूप में अनावरण कर रहे हैं, लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला होता है और केंद्र सरकार की शह पर दिल्ली पुलिस द्वारा लोकतांत्रिक अधिकारो की सरेआम धज्जियाँ उड़ाई जाती है। आज जंतर मंतर पर “महिला सम्मान महापंचायत” का आयोजन आन्दोलनकारी पहलवानों के समर्थन में किया जाना था। आज के प्रदर्शन में कई जानी-मानी हस्तियों, सामाजिक कार्यकर्ता व विभिन्न संगठनों के नेतागणों को शामिल होना था। लेकिन, लोकतांत्रिक अधिकारों का घोर उल्लंघन करते हुए दिल्ली पुलिस ने कई लोगों को महापंचायत में जाने से रोकने के लिए सुबह से ही गिरफ्तार किया, अपने घर में ही नजरबंद किया। इसमें हमारे बिरादराना महिला और किसान संगठन ऑल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन (AIMSS), ऑल इंडिया किसान खेतमज़दूर संगठन (AIKKMS) के कई नेतागण भी शामिल है। बाद में, जंतर मंतर पर प्रदर्शन करते हुए सैकड़ो की संख्या में प्रदर्शनकारीयों को गिरफ्तार किया गया। इसमें बड़ी संख्या में ए.आई.डी.एस.ओ. के कार्यकर्ता भी शामिल है।
यह गिरफ्तारियां हर एक नागरिक के अन्याय के खिलाफ प्रतिवाद करने के मूलभूत अधिकार पर एक फासीवादी हमले से ज्यादा कुछ नहीं है, और वो भी उस दिन जब देश की नई संसद का उद्घाटन खूब धूमधाम के साथ हो रहा है। यह बहुत ही चिन्ता की बात है कि केन्द्र सरकार अपने सांसद को बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है, जबकि उस पर यौन उत्पीड़न के गम्भीर आरोप है और वह पोस्को एक्ट का दोषी है। ए.आई.डी.एस.ओ. की अखिल भारतीय कमिटी लोकतांत्रिक अधिकारों पर इस हमले की जोरदार ढंग से निन्दा करती है और पहलवानों के आंदोलन से जुड़े हुए सभी नेताओं की तुरन्त रिहाई की माँग करती है। साथ ही, पहलवानों के आंदोलन के समर्थन में व लोकतांत्रिक अधिकारों को बचाने के लिए सभी प्रगतिशील नागरिकों व आम जनता से एक ताकतवर प्रतिरोध आन्दोलन गठित करने का आह्वान करती है।