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एनएच-33 एलिवेटेड कॉरिडोर का तीसरी बार भूमि पूजन, स्थानीय लोगों ने जताया विरोध

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जमशेदपुर। विगत दो महीनों से एनएच-33 के आसानबनी (ईचागढ़ विधानसभा) से डांगा (जुगसलाई विधानसभा) तक एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। इस परियोजना के तहत कई स्थानों पर गड्ढे खोदे गए हैं और स्लैग व फ्लाई ऐश डस्ट डाले गए हैं, जिससे आसपास के स्थानीय लोगों और दुकानदारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। धूल, जाम और दुर्घटनाओं के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है।

हालांकि, इस एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण के पूरा होने पर मानगों समेत कई क्षेत्रों को जाम और प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद है। यह परियोजना न केवल यातायात को सुगम बनाएगी, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं को भी रोकने में सहायक होगी।

भूमि पूजन का विरोध
स्थानीय दुकानदारों और निवासियों में रोष का कारण यह है कि निर्माण कार्य पहले से तेज गति से चल रहा है, फिर भी तीसरी बार भूमि पूजन का आयोजन किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि बार-बार शिलान्यास और भूमि पूजन के नाम पर सरकारी राशि का दुरुपयोग हो रहा है।

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स्थानीय प्रतिक्रिया
दुकानदारों का आरोप है कि यह केवल राजनीतिक लाभ और शिलापट्ट में अपना नाम दर्ज कराने की होड़ है। उनका कहना है कि जनता के पैसे का दुरुपयोग न केवल निंदनीय है, बल्कि यह जनता की भावनाओं के साथ भी खिलवाड़ है।

विकास का स्वागत, लेकिन व्यवस्था पर सवाल
स्थानीय लोगों का मानना है कि एलिवेटेड कॉरिडोर जैसी बड़ी परियोजनाएं क्षेत्र के विकास के लिए जरूरी हैं, लेकिन निर्माण के दौरान जनता की समस्याओं को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। लोगों ने मांग की है कि सड़क निर्माण से उत्पन्न धूल और जाम जैसी समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाए।

विरोध के मुख्य बिंदु:

  • बार-बार भूमि पूजन और शिलान्यास से सरकारी धन का दुरुपयोग।
  • निर्माण कार्य के दौरान स्थानीय लोगों और दुकानदारों को हो रही परेशानियां।
  • जनता की समस्याओं को नजरअंदाज कर राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास।

स्थानीय निवासी विकास सिंह ने कहा, “सरकारी परियोजनाओं का स्वागत है, लेकिन जनता की समस्याओं और धन के दुरुपयोग पर ध्यान दिया जाना चाहिए।”

इस मुद्दे को लेकर जनता में नाराजगी बढ़ती जा रही है, और अब देखना होगा कि संबंधित प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है।

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