अजब कहानी : बृहस्पतिवार 09 दिसम्बर, 2021
आइये पैदा हुए इस ‘बॉर्डर’ के बारे में कुछ जरूरी बातें जानते हैं।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के रहने वाले माता-पिता निंबू बाई और बलम राम ने कहा कि उन्होंने अपने बच्चे का नाम बॉर्डर इसलिए रखा है क्योंकि वह भारत-पाक सीमा पर पैदा हुआ था।
यह बात उस समय की है जब 98 पाकिस्तानी नागरिकों के साथ पति -पत्नी निंबू बाई और बलम राम भारत घूमने आए थे। जाली दस्तावेज होने की वजह से उन्हें 71 दिनों तक अटारी सीमा पर ही फंसे रहना पड़ा था। निंबू बाई पहले से गर्भवती थी और 2 दिसंबर को ही उसे प्रसव पीड़ा होने लगी। मौके पर आसपास की महिलाएं निंबू बाई की सहायता करने पहुंचीं, वहीं स्थानीय लोगों ने सुरक्षित प्रसव के लिए अन्य मेडिकल सुविधाओं की व्यवस्था भी कर दी, इसी समय में नींबू बाई ने एक बच्चे को जन्म दिया, जिसका नाम बड़े प्यार से उसके पिता ने ‘बॉर्डर’ रख दिया।
‘बॉर्डर’ के पिता बलम राम का कहना है कि कोरोना काल में लगे लॉकडाउन से पहले अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए वे भारत आये थे। वापस जाने में देर हो गई, वहीं उनके पास आवश्यक दस्तावेजों की भी कमी थी।
बलम राम ने यह भी बताया कि उनके साथ ऐसे 47 बच्चे भी है जो छोटे हैं। और छह बच्चों का जन्म तो भारत में ही हुआ है, जिनकी उम्र एक साल से भी कम है।
कई और पाकिस्तानी नागरिक फंसे हैं।
बलम राम ही नहीं उनके साथ अन्य पाकिस्तानी नागरिकों में लग्या राम राजस्थान के जोधपुर में अपने भाई से मिलने आया हुआ था। उसकी पत्नी ने एक लड़के को कोरोना काल 2020 में जन्म दिया था जिसका नाम लग्या राम ने ‘भारत’ रखा।
ये सभी अटारी इंटरनेशनल चेकपोस्ट के पास एक पार्किंग स्थल में बने टेंट में रह रहे हैं। स्थानीय लोग हर प्रकार से इनकी मदद कर रहे हैं। उन्हें दवा और कपड़े के अलावा प्रतिदिन के भोजन की व्यवस्था भी कराई जा रही है। वहीं पाकिस्तानी रेंजरों ने उन्हें स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। फिलहाल वे सभी अपने परिवार के साथ भारत में ही रह रहे हैं।