जमशेदपुर | झारखण्ड
आदिवासी सेंगेल अभियान के बैनर तले पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने झारखंड सरकार के खिलाफ हल्ला बोला। झारखंड सरकार संताली भाषा को झारखंड की प्रथम राजभाषा का दर्जा दो नहीं तो गद्दी छोड़ो।
हेमंत सरकार संताली को प्रथम राजभाषा का दर्जा दो नहीं तो गद्दी छोड़ो, हेमंत सरकार को आदिवासी संगेल अभियान के निम्न 10 सवालों का जवाब देना होगा:
1) अब तक अनुच्छेद 345 के तहत संताली भाषा को झारखंड की प्रथम राजभाषा का दर्जा क्यों नहीं दिया ?
2) क्यों जेएमएम के एमएलए / एमपी ओल चिकी लिपि का विरोध करते है?
3) क्यों मरांग बुरु को 5.1.23 को जैनों के हाथों बेच दिया ?
4) क्यों सरना धर्म कोड की जगह “सरना आदिवासी धर्म कोड बिल 11.11.2020 को पास कर बिना राज्यपाल के हस्ताक्षर के दिल्ली भेजा है जनता को लड्डू खिलाकर ठगा।
5) क्यों कुर्मी महतो को 8.2.18 को आदिवासी बनाने का अनुशंसा किया है ? क्यों असम-अंडमान के झारखंडी अदिवासियों को ST बनाने पर चुप है?
6) क्यों सीएनटी/ एसपीटी कानून का गला घोट कर 23.3.2021 को शहरी विकास के नाम पर लैंड पूल बिल पास किया है?
7) क्यों वीर शहीद सिदो मुर्मू के वंशज रामेश्वर मुर्मू की संदिग्ध हत्या (12. 6. 2020) के मामले पर मुस्लिम वोट बैंक के लिए सीबीआई जांच नहीं किया ?
8) जब 1932 खतियान आधारित स्थानीयता लागू नहीं कर सकता है तो प्रखंडवार नियोजन नीति लागू क्यों नहीं करता है?
9) क्यों आदिवासी स्वशासन व्यवस्था में जनतांत्रिक और संवैधानिक सुधार की पहल करने की बजाय परंपरा के नाम से नशापान, अंधविश्वास, डायन प्रथा, महिला विरोधी मानसिकता वोट को इंडिया दारु चखना रुपयों में खरीद बिक्री आदि को बढ़ावा देता है?
10) क्यों महान बीर शहीद सिदो मुर्मू और बिरसा मुंडा के वंशजों के लिए दो इस्ट का गठन कर प्रत्येक को ₹100 (एक साँ) करोड़ रुपये का अंश पूंजी अबतक नहीं प्रदान किया ?
आंदोलन का वीडियो देखें :