एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय
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क्या आप जानते हैं एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय क्या है?
जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (EMRS) के बारे में विस्तार से बताया है। आइये उस रिपोर्ट के माध्यम से एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (EMRS) के बारे में जानते हैं।
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (EMRS) वर्ष 1997 – 98 में शुरू किया गया था। जिसका प्रमुख उद्देश्य अनुसूचित जनजाति (ST) के कक्षा 6 से 12 वीं तक के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से सर्वोत्तम अवसरों तक पहुंच बनाना और उन्हें सामान्य के बराबर लाना था।
इसके लिए वर्ष 2018 – 19 के केंद्रीय बजट में EMRS के महत्व को समझाते हुए, सरकार ने घोषणा की – “आदिवासी बच्चों को उनके अपने वातावरण में गुणवत्तापूर्ण सर्वोत्तम शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है”
मिशन में यह निर्णय लिया गया है कि वर्ष 2022 तक प्रत्येक प्रखंड में 50% से अधिक एसटी आबादी और कम से कम 20,000 आदिवासी व्यक्तियों के पास एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय से लाभान्वित होंगे। साथ ही यह विद्यालय नवोदय विद्यालयों के समकक्ष होंगे।
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में स्थानीय कला और संस्कृति के संरक्षण के लिए विशेष सुविधाएं होंगी। साथ ही खेल और कौशल विकास में प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
कैबिनेट समिति आर्थिक मामलों (सीसीईए) ने दिनांक 17 दिसंबर, 2018 को एक बैठक में ईएमआरएस योजना में सुधार करते हुए अन्य बातों मंजूरी दी जिसमें संशोधित योजना की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं –
1. एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के लिए एक अलग योजना बनाई गई। (विशेष क्षेत्र के तहत वित्त पोषित कार्यक्रम, ‘भारत के संविधान के अनुच्छेद 275(1) के तहत अनुदान’)
2. यह विद्यालय कक्षा 6 से 12 तक के 480 विद्यार्थियों के शिक्षा और भोजन की व्यवस्था के साथ स्थापित किया गया है।
3. एकलव्य मॉडल डे बोर्डिंग स्कूल (ईएमडीबीएस) की स्थापना के लिए 90% या उससे अधिक एसटी आबादी वाले जिले और 20,000 या अधिक आदिवासी जनसंख्या होने चाहिए।
4. ईएमआरएस के मामले में न्यूनतम 15 एकड़ और ईएमडीबीएस के मामले में 5 एकड़ भूमि होनी चाहिए। शैक्षणिक शिक्षा के साथ-साथ पाठ्येतर गतिविधियों और बेहतर बुनियादी ढांचा सुविधाएं उपलब्ध कराने की जरूरतों को पूरा करने के लिए यह बनाया गया है।
5. उत्तर पूर्व, पहाड़ी क्षेत्रों, दुर्गम क्षेत्रों और नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों में स्कूल के निर्माण अनुदान के तौर पर 20% अतिरिक्त धनराशि के साथ प्रति स्कूल 20 करोड़ रुपये स्वीकार किये गए।
6. ईएमआरएस के मामले में प्रति छात्र प्रति वर्ष 1.09 लाख रुपये और ईएमडीबीएस के मामले में 0.85 लाख रुपये मान्य किये गए।
7. आदिवासी छात्रों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा सोसायटी जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत समाज की स्थापना, समर्थन, रखरखाव, नियंत्रण और स्कूलों का प्रबंधन करना और उसके लिए आवश्यक सभी कार्य और चीजें करना।
8. आदिवासी बहुल जिलों में खेलों के लिए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना।
9. गैर-अनुसूचित जनजाति के वैसे छात्रों को प्राथमिकता दी जाएगी जो उग्रवाद और विद्रोह, विधवाओं के बच्चे, दिव्यांग माता-पिता के बच्चे आदि की श्रेणी में आते हैं। EMRS स्टाफ के बच्चे, वे बच्चे जिन्होंने अपने माता-पिता को नक्सलियों के हाथों खो दिया है के द्वारा 10% तक सीटों का आरक्षण प्राप्त कर सकेगें।
10. योग्य अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए खेल कोटे के तहत 20% सीटों का आरक्षण खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
दिनांक 15 जून, 2021 तक देश भर में 620 स्वीकृत स्कूल हैं, जिसमें से 367 स्कूलों को चालू भी कर दिया गया है।
उपलब्धियों की बात करें तो EMRS सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में उत्कृष्टता का द्वीप बन गए हैं। ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में आदिवासी बच्चे आ रहे हैं। योजना के तहत अकादमिक और पाठ्येतर दोनों क्षेत्रों में छात्रों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त कक्षाओं के माध्यम से विशेष कोचिंग, शैक्षिक पर्यटन, प्रदर्शन यात्राओं, विशेष शिविरों, खेल शिविरों के छात्रों को ऊंचे सपने देखने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। साथ ही श्रेष्ठता हासिल करने के लिए भी प्रेरित किया।
छात्रों ने अकादमिक में असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है। दसवीं में लगभग 90% उत्तीर्ण हुए जिनमें से 53% ने प्रथम श्रेणी हासिल की है और इसी तरह 12वीं में 81% उत्तीर्ण हुए जिसमें से 61% ने प्रथम श्रेणी हासिल की है।
वर्ष 2017-18 में ईएमआरएस के कई छात्रों ने सफलतापूर्वक एनईईटी, आईआईटी-जेईई, नेशनल लॉ स्कूल इत्यादि जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन किया है। जिसमें 146 छात्रों ने नीट, 253 छात्रों ने जेईई मेन परीक्षा पास किया है। 8 छात्रों ने CLAT क्लियर किया है।
खेलजगत में ईएमआरएस के छात्रों को राष्ट्रीय टीमों में जगह मिली है जैसे – कबड्डी आदि में कई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय चैंपियनशिप जीती है।
उदाहरण के लिए बात करें तो सिक्किम में ईएमआरएस गंग्यप की प्रसिद्ध लड़कियों की बास्केटबॉल टीम 2008 से सिक्किम स्टेट चैंपियन, 2011 में दार्जिलिंग हिल बास्केटबॉल चैंपियन, उत्तर पूर्व बास्केटबॉल चैंपियंस 2010 से सीबीएसई क्लस्टर 1, सीबीएसई 2011, 2013 में राष्ट्रीय विजेता, 2012 में रजत, 2016 और 17 में कांस्य; नेपाल में रजत।
2014 में बास्केटबॉल चैम्पियनशिप, निमाडोमा भूटिया ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। 2011, 2012, 2013 में सीबीएसई नेशनल में खिलाड़ी – चाचा नेहरू स्पोर्ट जीता।
ईएमआरएस बीसी नगर, त्रिपुरा की सुश्री रिंकी चकमा को फेमिना मिस इंडिया त्रिपुरा 2017 घोषित किया गया।
अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने एवं एक राष्ट्रीय मंच देने के लिए मंत्रालय ने सबसे पहले वर्ष 2018-19 में राष्ट्रीय स्तर की संगीत प्रतियोगिता और खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया।
9 अगस्त, 2019 को राष्ट्रपति भवन में स्वतंत्रता सेनानीयों के सम्मान में एक कार्यक्रम में प्रदर्शन। इस साल राष्ट्रीय का दूसरा संस्करण Edition ईएमआरएस सांस्कृतिक उत्सव और राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिता का आयोजन उदयपुर में किया गया।
राष्ट्रीय स्तर की ईएमआरएस स्पोर्ट्स मीट:
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) के लिए पहली बार राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिता जनवरी 2019 में हैदराबाद, तेलंगाना में आयोजित की गई।
राष्ट्रीय स्तर की ईएमआरएस स्पोर्ट्स मीट का दूसरा संस्करण 9 से 13 दिसंबर तक मध्य प्रदेश सरकार के सहयोग से, भोपाल में रखा गया जिसमें देश भर से लगभग 4500 छात्र इस मीट में भाग लिए। जहाँ दो आयु समूहों के 16 विषयों में प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। अंडर 14 और अंडर 19 में से मध्य प्रदेश ओवरऑल चैंपियन के रूप में उभरा
जबकि तेलंगाना उपविजेता रहा।
राष्ट्रीय ईएमआरएस द्वारा सांस्कृतिक उत्सव संगीत आदिवासी सांस्कृतिक जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है और इसे बढ़ावा देने के लिए, जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने कई कार्यक्रमों का आयोजन किया था।
राष्ट्रीय ईएमआरएस सांस्कृतिक उत्सव का दूसरा संस्करण अक्टूबर 2018 में जमशेदपुर, झारखंड में संगीत प्रतियोगिता आयोजित किया गया था।
28 से 30 नवंबर तक उदयपुर, राजस्थान सरकार के सहयोग से दूसरे संस्करण में लगभग 700 छात्रों ने नृत्य और संगीत दोनों श्रेणी में भाग लिया।
जनजातीय मामलों का मंत्रालय इस अंतहीन यात्रा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। भारत देश में आदिवासी छात्रों की ज्ञान प्राप्ति और ज्ञानोदय का नया सूरज है – EMRS
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