आदिवासी कुड़मि समाज ने डीसी के माध्यम से प्रधानमंत्री को दिया 09 सूत्री माँग पत्र।

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JAMSHEDPUR : सोमवार 09 जनवरी, 2023 

आज दिनांक 09 जनवरी 2023 को आदिवासि कुड़मि समाज केंद्रीय समिति के पूर्व निर्धारित निर्देश के आलोक में पूर्वी सिंहभूम जिला समिति द्वारा जिलाध्यक्ष सुधांशु महतो के नेतृत्व में जमशेदपुर जिला समाहरणालय में श्रीमान जिला उपायुक्त महोदय के माध्यम से भारत सरकार के माननीय प्रधानमंत्री महोदय के नाम 09 सूत्री माँग पत्र सौंपा गया। 

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इसके तहत मुख्य रूप से 09 सूत्री माँग हैं :

1) कुमि (KUDMI) जनजाति समुदाय को अनुसूचित जनजाति की सूची में सूचीबद्ध करने,

2) भारत की जनगणना के भाषा सूची में स्वतंत्र रूप से कुड़मालि (KUDMALI) भाषा कोड लागू करने एवं धर्म के कॉलम में सरना (SARNA) धर्म कॉलम लागू करने

3) कुडमालि भाषा को जनजातीय भाषा की मान्यता देते हुए संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध करने,

(4) कुड़मालि भाषा की पढ़ाई प्राथमिक विद्यालय स्तर से लेकर महाविद्यालय और सभी विश्वविद्यालय स्तर तक कराते हुए सभी स्थानों पर यथोचित संख्या में कुडमालि अध्यापकों और प्राध्यापकों की नियुक्ति करने, 

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(5) कुमाल भाषा के लिए विद्यालय स्तर से लेकर महाविद्यालय और विश्वविद्यालय स्तर तक वर्तमान में प्रयुक्त त्रुटिपूर्ण कुरमाली (KURMALI) शब्द में संशोधन कर कुडमालि (KUDMALI) करने 

6) कुडमालि एकेडेमिक बोर्ड और कल्चरल बोर्ड का गठन करने,

7) प्रत्येक गाँव, टोला मोहल्ला के जाहिरा थान, सारना थान गोदाम (ग्राम) थान आदि पारंपरिक धर्म स्थलों की घेराबंदी और सादयकरण करने एवं इसके लिए उक्त स्थल के पारंपरिक ग्राम प्रधान एवं पारंपरिक पुजारी को ही प्रतिनियुक्त करने,

8) चुआऊ / चूहाड़ विद्रोह के महानायक क्रांतिवीर शहीद रघुनाथ महतो, संताल हुल के चीर शहीद चानकु महतो, मेडि विद्रोह के वीर शहीद कालिया मोहंता व भीम मोहंता (ओडिशा), सविनय अवज्ञा आंदोलन के वीर शहीद गोकुल महतो, मोहन महतो, शीतल महतो, सहदेव महतो व गणेश महतो (प. बंगाल), भारत छोड़ो आंदोलन के वीर शहीद चुनाराम महतो व गोविंद महतो (प. बंगाल) आदि महापुरुषों की जीवनी और वीर गाथाओं को सरकारी पाठ्यक्रम में शामिल करने एवं 

09) ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत स्तर पर पुस्तकालय खुलवाये जाने की महत्वपूर्ण मांग की गई है।

इसके अलावे छोटानागपुर पठार अंतर्गत झाडखंड के गुसटिधारि कुड़मी  समुदाय, जिन्हें वर्तनी त्रुटि और स्वन्यात्मक दोष के कारण भू-अभिलेखों में विभिन्न नामों यथा कुड़मि, कुड़मी ,कुर्मि, कुर्मी, कुरमि, कुरमी से अंकित किया गया है, जो मूल रूप से “कुड़मि” है, के लिए तथ्यात्मक आधार पेश करते हुए पूर्व के जनगणनाओं में हुए त्रुटियों का संशोधन कराते हुए आगामी भारत की जनगणना में जाति के कॉलम में कुड़मि (Kudri) और मातृभाषा के कॉलम में कुडमालि (Kudmali) दर्ज कराने की भी अपील की गई है। 

इस अवसर पर मुख्य रूप से जिलाध्यक्ष सुधांशु महतो, जिला सचिव प्रकाश महतो, किरीटी महतो, निवारण महतो, उज्ज्वल महतो, फुलचंद महतो, असित महतो, नमिता महतो आदि सैकड़ों समाज के लोग उपस्थित थे।

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