Ashoka Chakra |
” होगी सोने की चिडियाँ,
जब आत्म निर्भर भारत देखेगी दुनियाँ । “
भारत प्राचीन काल से सोने की चिड़िया है। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से विदेशी इसे लूटते रहे हैं…। सस्ते दामों में यहां से कच्चा माल खरीदें और महंगे दामों पर दोबारा बेचने के लिए उत्पादन करें यह उनका विशेष कार्य रहा है। उत्पाद की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाया जाता है।
दुसरो पर आश्रित होने की वजह से हमारी चमक फीकी पड़ गई है। इसकी चमक को बनाए रखने के लिए, हमारा आत्मनिर्भर बनना आवश्यक है। माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी का संकल्प आत्मनिर्भर भारत अद्वितीय है। इसमें हम सभी भारतीयों को भाग लेना आवश्यक है।
भारत के किसान अपने हाथों से खेतों में सोना उगाते हैं। कुम्हार सुनहरे हाथों की मदद से मिट्टी के सुंदर उत्पाद बनाते हैं। बुनकर अपने हाथों की मदद से बहुत सारे सुंदर कपड़े बनाते हैं। चित्रकार काल्पनिक दुनिया को वास्तविक रंगों से भर देता है। मजदूर अपने हाथ की मदद से खुद को सशक्त बना रहे हैं। सफाई सैनिक अपने हाथों से देश की गंदगी साफ कर रहे हैं। प्रत्येक भारतीय अपने कार्यों से देश को मजबूत कर रहा है। अपने हाथों की मदद से।
एक कहावत प्रचलित है- ‘अपना हाथ जगन्नाथ’
अशोक चक्र जो दुनिया में भरत की पहचान के साथ-साथ भारत की प्रगतिशील महिमा के गीत सुना रहे हैं। यह कहता है रुकना माना है, हम नहीं रुकेंगे । चक्र का पहिया प्रगति को दर्शाता है। यह कह रहा है कि मैं प्राचीन काल से विश्व पटल पर भारत की एकता, अखंडता, उसकी सहिष्णुता और आत्मनिर्भरता दिखा रहा हूं।
यह दर्शाता है कि हम अपनी हथेली पर विश्वास करते हैं। हम दुनिया के किसी भी देश से कमजोर नहीं हैं। हमारे पास गुणवत्ता है …… हमने प्रमाण दिया है। हमारी कड़ी मेहनत, आत्मनिर्भरता हमारे देश को एक सुनहरा पक्षी बनाएगी। हमारा देश हमसे ही है। जहां हमारी कड़ी मेहनत होगी वहां भारत देश विकास की राहों में आगे बढ़ेगा। यह संभव है। दुनिया जानती है कि हम और हमारा देश सोने जैसी कीमती धातुएं थे, हैं और रहेंगे।
“जय हिन्द”