जमशेदपुर | झारखण्ड
उप विकास आयुक्त चिंतन शिविर से ऑनलाइन जुड़े, दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
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नीति आयोग के आकांक्षी प्रखण्ड कार्यक्रम अन्तर्गत मुसाबनी प्रखंड मुख्यालय में चिंतन शिविर का आयोजन किया गया। उप विकास आयुक्त श्री मनीष कुमार चिंतन शिविर से ऑनलाइन जुड़े तथा आकांक्षी कार्यक्रम के अंतर्गत प्रखंड में विभिन्न इंडिकेटर पर किये जाने वाले कार्यों को लेकर जरूरी दिशा- निर्देश दिए।
नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा मुसाबनी प्रखण्ड को आकांक्षी प्रखण्ड के रूप में चिन्हित किया गया है। चिंतन शिविर में मुसाबनी प्रखण्ड में ब्लॉक डेवलपमेंट स्ट्रेटेजी तैयार किया जाने पर चर्चा की गई। उप विकास आयुक्त ने सोशल मोबिलाइजेशन पर विशेष जोर देते हुए कहा कि सामाजिक गतिशीलता एक शक्तिशाली माध्यम है जो हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकती है। सभी सहिया, सेविका, मुखिया, प्रमुख, उप प्रमुख और जितने भी संबंधित लोग हैं सबको इसमें जुड़कर अपना दायित्व समझते हुए शत प्रतिशत अपना योगदान देना है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि प्रखंड में जितने भी आंगनबाड़ी या स्कूल है उनको गोद लेकर उनको सुविधा संपन्न बनाते हुए मॉडल के रूप में विकसित करने में जिला प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने चिंतन शिविर के सफल आयोजन के लिए सभी संबंधित को शुभकामनाएं दिया तथा कहा कि आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम के तहत सभी दिए जा रही जानकारी को आवश्यक समझें और कुशलता पूर्वक उनका निर्वहन करें।
समुदाय को सशक्त बनाने और सतत विकास को बढ़ावा देने के प्रयास में आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम के तहत आयोजित चिंतन शिविर में हितधारकों के एक विविध समूह को एक साथ लाया गया जिसमें अनुमंडल पदाधिकारी घाटशिला श्री सत्यवीर रजक, जिला योजना पदाधिकारी श्री अरुण द्विवेदी, प्रखंड विकास पदाधिकारी श्रीमती सीमा कुमारी, अंचल अधिकारी श्री राजीव कुमार, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी, एमआईसी, बीपीएम, आकांक्षी जिला फेलो आंगनबाड़ी सेविका, सहिया, एएनएम, शिक्षक, महिला सुपरवाइजर, क्लस्टर रिसोर्स पर्सन (सीआरपी), ब्लॉक रिसोर्स पर्सन (बीआरपी), और स्थानीय मास्टर ट्रेनर, जनसेवक, स्थानीय जन प्रतिनिधि आदि मौजूद रहे।
आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मुसाबनी प्रखंड में विकास कार्यों की चुनौतियों का समाधान करना और सहयोगात्मक समाधान को बढ़ावा देना है। इस आयोजन में सामुदायिक विकास के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने वाला एक व्यापक कार्ययोजना शामिल रहा।
आंगनबाड़ी सेविका का परिप्रेक्ष्य- समुदाय में आंगनबाड़ी सेविकाओं की भूमिका को उजागर करने के लिए वीडियो दिखाए गए। इंटरेक्टिव चर्चाओं के लिए मंच तैयार करते हुए उनके विचार और अंतर्दृष्टि मांगी गई।
प्रश्न और उत्तर सत्र: एक आकर्षक सत्र ने प्रतिभागियों को अपनी चिंताओं को साझा करने और सहयोगात्मक रूप से समाधान खोजने की अनुमति दी। विषय स्कूल से संबंधित मुद्दों से लेकर शराब की खपत और स्वस्थ भोजन की उपलब्धता तक थे।
स्वच्छ भारत अभियान- सभा में स्वच्छ भारत अभियान (स्वच्छ भारत मिशन) और समुदाय में स्वच्छता के मुद्दों को संबोधित करने में इसके महत्व पर वीडियो देखे गए।
कार्यान्वयन में चुनौतियां- प्रतिभागियों ने स्वच्छ भारत अभियान को प्रभावी ढंग से लागू करने में चुनौतियों की पहचान की, जिसमें मौजूदा सुविधाओं की कार्यप्रणाली, प्लास्टिक का उपयोग और सड़क के किनारे कचरा जमा होना शामिल है।
समुदाय की भूमिका- कूड़ेदान रखने और बच्चों के माध्यम से जागरूकता बढ़ाने जैसी पहलों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सामुदायिक भागीदारी के महत्व पर जोर दिया गया।
शौचालय उपयोग जागरूकता- एक महत्वपूर्ण मुद्दा शौचालयों के बारे में जागरूकता की कमी और उनमें उचित कचरा निपटान सुनिश्चित करने की आवश्यकता थी।
जल निकासी मुद्दे- जल निकासी प्रणालियों के प्रबंधन में सामने आने वाली चुनौतियों पर व्यावहारिक समाधान खोजने के लिए चर्चा की गई।
चिंतन शिविर ने मुसाबनी प्रखंड में जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के साझा लक्ष्य के साथ विभिन्न हितधारकों के बीच खुली बातचीत और सहयोग के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया। इसने आकांक्षी ब्लॉक के सामने आने वाली चुनौतियों के समाधान में सामुदायिक भागीदारी और सक्रिय प्रयासों के महत्व को रेखांकित किया।
यह कार्यक्रम सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता के साथ संपन्न हुआ, जिसमें जन प्रतिनिधियों (सामुदायिक प्रतिनिधियों) ने आवश्यक परिवर्तनों को लागू करने में सक्रिय भूमिका निभाने पर अपनी समर्थता जताई। यह चिंतन शिविर स्वच्छ, स्वस्थ और अधिक समृद्ध मुसाबनी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।