सोशल मीडिया पर तेजी से एक मैसेज वायरल हो रहा है। जोकि ब्लैक फंगस से सुरक्षा एवं बचाव से संबंधित मैसेज है। जिसमें निम्नलिखित बातें लिखी गई है। –
1. अपने-अपने घरों के फ्रिज के दरवाजे खोलिए उसमें एक रबर लगी मिलेगी। उस रबर पर अगर काला काला फंगस दिख रहा हो तो तत्काल उसकी अच्छे ढंग से सफाई कर दें और बराबर उसकी सफाई पर ध्यान दें। उस रबर पे वो जो काला-काला दिख रहा है, वही है म्यूकोरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस। अगर आपने ध्यान न दिया तो ये फंगस आपके फ्रिज के अंदर रखे खाद्य पदार्थों के माध्यम से बेहद आसानी से आपके शरीर के अंदर प्रवेश कर जाएगा।
2. आटा गूंथ कर एकदम मत रखें, प्याज काटकर एक दम मत रखें, रखी हुई ब्रेड कत्तई यूज न करें। सब कुछ ताजा और तुंरन्त यूज करें और जिस भी खाद्य पदार्थ पर आपको काला-काला फंगस टाइप का कुछ दिखे। उसे तुरन्त सावधानी से नष्ट कर दें।
3. अपने कूलर, एसी और आरओ मशीन की टोटी भी चेक करते रहिएगा। बेहद चौकन्ना रहिए, चीजों के बारे में पढ़ते-लिखते रहिए और अपडेट रहिए। चित्त बिल्कुल शांत रखिए, खान-पान से इम्युनिटी तगड़ा रखिए। मजाल है जो कोई फंगस आपको छू भी ले।
4. यह फंगस नमी वाले स्थान पर अधिक होते हैं। आपका जूता भी इसमें शामिल है। यह मौसम भी नमी वाला ही है इसलिए कपड़ों को धूप और प्रेस (आयरन) करके ही इस्तेमाल करें। खासकर अंडरगारमेंट्स।
आइये ब्लैक फंगस से बचाव के तरीके जानते है:
1. लोग मास्क को कई दिन तक धोते नहीं है उल्टा सैनिटाइजर से साफ करके काम चलाते है। ऐसा न करें। मास्क बदलते रहें। कपड़े के मास्क बाहर से आने पर तुरंत मास्क साबुन से धोएं, धूप में सुखाएं और प्रेस करें। सर्जिकल मास्क एक दिन से ज्यादा इस्तेमाल न करें।
N95 मास्क महंगा होने की वजह से लंबे समय तक उपयोग करना पड़े तो साबुन के पानी में प्रतिदिन कई बार डुबोकर धो लें, रगड़े नहीं। बेहतर हो कि नया इस्तेमाल करें ।
2. अधिकांश सब्जियां खासकर प्याज़ छीलते समय दिखने वाली काली फंगस हाथों से होकर आंखों या मुंह मे चली जाती है। बचाव करें, साफ पानी, फिटकरी के पानी या सिरके से धोएं फिर इस्तेमाल करें ।
3. फ्रिज के दरवाजों और अंदर काली फंगस जमा हो जाती है खासकर रबर पर तो उसे तत्काल ब्रश लेकर साबुन से साफ करें और साफ करने के बाद साबुन से अच्छी तरह हाथ भी धो लें ।
4. जब तक बहुत आवश्यक न हो, ऑक्सीजन लेवल सामान्य है तो अन्य दवाओं के साथ स्टेरॉयड न लें । विशेष तौर पर यह शुगर वाले मरीजों के लिए अधिक खतरनाक है ।
5. यदि मरीज को ऑक्सीजन लगी है तो नया मास्क और वह भी रोज साफ करके इस्तेमाल करें । साथ ही ऑक्सीजन सिलिंडर या concentrator में स्टेराइल वाटर/saline डालें और रोज बदलें ।
6. बारिश के मौसम में मरीज को या घर पर ठीक होकर आ जाएं तब भी किसी भी नम जगह बिस्तर या नम कमरे में नहीं रहना है।अस्पताल की तरह रोज बिस्तर की चादर और तकिए के कवर बदलना है और बाथरूम को नियमित साफ रखना है। रूमाल गमछा तौलिया रोज धोना है।
7. शौचालय और स्नानघर को भी प्रतिदिन स्नान करने से पहले एकबार क्लीनर का इस्तेमाल करते हुए साफ कर दें।
आप इन सब बातों का ध्यान रखें और दूसरों को भी बताएं तो इस घातक बीमारी से बचाव संभव है । क्योंकि इसका उपचार अभी बहुत दुर्लभ और महंगा है। इसलिए सावधानी ही उपचार है ।
यह वाकई में एक अच्छी सलाह है। जिसको ध्यान में रखते हुए हम वायरस और फंगस दोनों से बच सकते हैं।
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