अमर सेन की अंगुलियों में है जादू। शानदार है भारत में हैंड शैडोग्राफी का फ्यूचर – अमर सेन।

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जमशेदपुर | झारखण्ड 

हैंड शैडो के ख्यातिलब्ध कलाकार अमर सेन ने मंगलवार को बिरसा मुंडा टाउन हॉल, चिल्ड्रन पार्क, सिदगोड़ा में अपनी अंगुलियों का कमाल दिखाया। उन्होंने शाम सात बजे से अपने हुनर का प्रदर्शन किया। श्री सेन स्वर्णरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित पांच दिनों तक चलने वाले बाल महोत्सव में परफॉर्म करने के लिए कोलकाता से जमशेदपुर आये हुए हैं। बता दें की हैंड शैडो एक विलुप्तप्राय कला है जिसमें अंगुलियों की मदद से तरह – तरह की आकृतियां बनाई जाती हैं।

प्रख्यात हैंड शैडोग्राफर अमर सेन से खास बातचीत

भारत के दिग्गज हैंड शैडोग्राफर अमर सेन का मानना है कि आप लगातार अभ्यास करेंगे तो हर मुश्किल आसान हो जाएगी। वह मानते हैं कि आने वाले दिनों में हैंड शैडोग्राफी का भविष्य बहुत ही उज्जवल है। 

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अमर सेन ने कहा कि 50 साल पहले जब उन्होंने इस विधा पर काम करना शुरू किया था, तब इस विधा को जानने और मानने वाले लोगों की संख्या बेहद कम थी। लेकिन, अब वह दौर नहीं रहा। अब लोग हैंड शैडोग्राफी को देखते हैं और हौसला अफजाई करते हैं।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह रविंद्र संगीत सुनना बेहद पसंद करते हैं लेकिन सिर्फ रविंद्र संगीत ही नहीं वह वेस्टर्न म्यूजिक, बॉलीवुड म्यूजिक और हर तरह के संगीत को सुनना पसंद करते हैं। 

अमर सेन मानते हैं कि उनके  विद्यार्थियों ने इस क्षेत्र में काफी काम किया है और आने वाले दिनों में वही इस विधा को बहुत आगे बढ़ाएंगे।

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एक सवाल के जवाब में अमर सेन ने कहा कि मूक यानी बिना आवाज के हैंड शैडोग्राफी रामायण काल के पहले से चली आ रही है। 1000 से ज्यादा साल पहले चीन में इसके रूप को थोड़ा सा बदलकर लोगों के सामने पेश किया गया, लेकिन वह भी बिना आवाज के ही था। उन्होंने दावा किया कि भारत में आवाज के साथ हैंड शैडोग्राफी उन्होंने ही शुरू की थी। वह मानते हैं कि लोगों के भीतर धीरे-धीरे इस कला को लेकर आकर्षण बढ़ा है। 

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर आपको यंग और स्मार्ट दिखने है तो दूसरों के प्रति जलन का भाव हरगिज़ न रखें। कोशिश करें कि आप सदैव मुस्कुराते रहें और कभी भी क्रोध न करें।

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