गर्मियों का मौसम आ चुका है और कोरोना ने अपना विकराल रूप फिर से पकड़ लिया हैं। अब थोड़ी नहीं बल्कि बहुत ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। ऐसे में कामकाजी लोगों के लिए तो घर से निकलना और भी खतरनाक साबित हो सकता है। आइये बात करते हैं इस साल पड़ने वाली भयानक गर्मी के बारे में।
दोस्तों इस बार की गर्मी अब तक की सबसे ज्यादा गर्मी वाले दिनों की लिस्ट में सबसे टॉप पर होने जा रहा है। चौक गये क्या? चौकिये मत, यह सत्य होने जा रहा है।
जर्नल जियोफिजिक्स रिसर्च लेटर में प्रकाशित एक शोध में बताया गया है की इस वर्ष गर्मी दो डिग्री तापमान तक बढ़ेगी। जिससे अधिक प्रभावित होने वाले स्थानों में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हैदराबाद, देश के तटीय इलाके जैसे – मुंबई, गोवा, कोलकाता जैसे शहरी इलाको में कामकाजी लोगों के लिए काफी दिक्कत होने वाली है।
साथ ही इस शोध में बताया गया है कि दक्षिण एशियाई देशों में गर्मी का संकट प्रत्येक वर्ष बढ़ता जा रहा है।
क्या आप जानते हैं ? धरती का तापमान बढ़ क्यों रहा है?
तापमान वृद्धि के कई कारण हैं। जिनसे हमारी धरती लगातार गर्म होती जा रही है। धरती में विभिन्न क्रियाकलापों द्वारा बढ़ता प्रदूषण इसका कारण हैं। जंगलों की कटाई और जंगलों में आग लगाया जाना इसका प्रमुख उदाहरण हैं।
इससे ऑक्सीजन का स्तर भी कम होता जा रहा है और हानिकारक गैसों की बढ़ोतरी होती जा रही है। प्रदूषण की वजह से जल का स्तर भी लगातार गिरता जा रहा है और धरती गर्म होती जा रही है।
औधोगिक क्षेत्रों, प्रयोगशालाओं, और कंपनियों से निकलने वाला धुंआ, हानिकारक और रसायनिक गैसों का उत्पादन भी एक कारण हैं।
वहीं दो देशों के बीच हुए विवाद को लेकर युद्ध का होना भी एक कारण है। गोली-बंदूक के साथ-साथ टैंक का प्रयोग, घातक और रसायनिक हथियारों एवं मिसाइलों का इस्तेमाल भी कम जिम्मेदार नहीं हैं। विश्व के लगभग सभी देशों द्वारा परमाणु बम/मिसाइलों की टेस्टिंग करना धरती के गर्म होने के प्रमुख कारणों में शामिल है।
इन सभी कारणों से धरती की ओजोन परत को नुकसान पहुंचा है। जिससे उन जगहों पर जहां ओजोनपरत नष्ट हो चुके हैं वहां सूर्य की भयानक पाराबैंगनी किरणें सीधे धरती पर पड़ रही हैं।
बढ़ती गर्मी से बचने के क्या उपाय हो सकते हैं?
बढ़ती गर्मी और प्रदूषण से होने वाले किसी भयानक और बड़े खतरे से बचने के लिए बढ़ती तापमान वृद्धि को नियंत्रित करने का प्रयास करना होगा। शहरी और ग्रामीण सभी जगहों पर अधिक से अधिक वृक्षों को लगाकर कुछ हद तक इसपर नियंत्रण किया जा सकता हैं। ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को भी कम करने की आवश्यकता है। वहीं दो देशों के बीच युद्ध को रोककर और परमाणु मिसाइलों के परीक्षण पर बैंड लगा कर हम बढ़ती गर्मी को कम करने की कोशिश कर सकते हैं।
वैज्ञानिक शोधों के अनुसार वर्तमान स्थिति को देखते हुए तापमान में 1.5 से 2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है। जो विश्व के लिए खतरनाक हो सकता है। दक्षिण एशियाई देशों में स्थिति और भी भयावह हो सकती है। बढ़ती गर्मी के कारण लू का प्रकोप बढ़ना स्वाभाविक है। लू के कारण प्रत्येक वर्ष कई लोग अपनी जान गंवा देते हैं। इसलिए घर के आसपास पेड़ जरूर लगाएं। कुआं, तालाब आदि जल स्रोतों को प्रदूषण मुक्त रखते हुए उसके जल स्तर को बचाए रखने का प्रयास करें।
यह हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है।
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