अफगान में हुआ खलीफा युग का आरम्भ, जहां धार्मिक कट्टरता की होगी प्रमुखतः

तानाशाही राज : शनिवार 4 सितंबर, 2021

अफगानिस्तान को लेकर विश्व के समझदार कहे जाने वाले मुल्कों ने भी चुप्पी साध ली है। वैसे भी अफगानिस्तान के हालात से पूरा विश्व वाकिफ है। क्योंकि वहां सत्ता का ऐसा परिवर्तन हुआ कि राजनीतिक और सामाजिक बदलाव ही बदल गया।

तालिबानी सरकार के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख बनाये गए मुल्ला अब्दुल घानी बरादर (Mullah Abdul Ghani Baradar) और वे ही अफगानिस्तान में नई सरकार की आधार शिला रखेंगे।
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मुल्ला अब्दुल घानी बरादर
कई प्रमुख मीडिया रिपोर्ट्स में इसकी जानकारी साझा की जा चुकी है। खबर यह भी है कि तालिबान के दिवंगत संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब और शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई भी तालिबानी सरकार में वरिष्ठ पद पर रहेंगे।

मुल्ला अब्दुल गनी बरदार तालिबान का उपसंस्थापक है और अब तालिबान का सबसे प्रमुख व्यक्ति। वहीं यह मौलवी हिबतुल्लाह अखुंदजादा का राजनीतिक सलाहकार भी है। मौलवी अखुंदजादा तालिबान का मुख्य न्यायाधीश है, जो इस्लामिक कानून शरीयत के अनुसार क्रूर फैसले सुनाने में माहिर है। मुल्ला अब्दुल गनी बरदार को वर्ष 2010 में पाकिस्तान के कराची में सुरक्षा बलों के द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था और वर्ष 2018 में रिहा किया गया।

तालिबान के सबसे बड़े धार्मिक गुरु और नेता मुल्ला हिबतुल्लाह अखुंदजादा को अफगानिस्तान का सर्वोच्च बनाये जाने को लेकर चर्चा है। वह बलूचिस्तान प्रांत के कचलाक क्षेत्र में स्थित मस्जिद में पिछले 15 सालों से कार्यरत हैं।

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मुल्ला हिबतुल्लाह अखुंदजादा


वहीं तालिबान के ‘सूचना एवं संस्कृति आयोग’ के वरिष्ठ अधिकारी मुफ्ती इनामुल्ला समांगनी ने बुधवार को ही अपने भाषण में कहा की – “नई सरकार बनाने पर बातचीत लगभग अंतिम दौर में है और मंत्रिमंडल को लेकर भी चर्चा हुई।”

अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार या आतंकवादी हुकूमत में आमजनमानस का क्या होगा? यह एक विचारणीय प्रश्न है।

अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार का प्रमुख व्यक्ति 60 वर्षीय मुल्ला अखुंदजादा होंगे। वह अगले दो दिन में अफगानिस्तान की दिशा और दशा बदलने की तैयारी कर चुका है। ईरान में नेतृत्व की बदली बयार को आदर्श मानते हुए यहां भी उसी तरह की व्यवस्था लागू की जाएगी। 

शरिया कानून और इस्लाम के अनुसार ही नए अफगान की राजनीतिक धरा तैयार की जाएगी। इस राजनीतिक पटल का सर्वोच्च अधिकारी और पद मुल्ला अखुंदजादा के पास होगा। वह धार्मिक मामलों का भी मुखिया होगा। उसके पास सरकार की उच्च शक्ति और निर्णय लेने का अधिकार होगा।सेना की शक्ति और न्याय प्रणाली की व्यवस्था के प्रमुख उच्चायुक्तों की नियुक्ति की शक्ति उसी के पास होगी। इस देश का नया राष्ट्रपति भी अखुंदजादा के अधीन ही काम करेंगा।


अपने भाषण में ‘सूचना एवं संस्कृति आयोग’ के वरिष्ठ अधिकारी मुफ्ती इनामुल्ला समांगनी कहा कि – “नई सरकार के तहत, गवर्नर प्रांतों के प्रमुख होंगे और ‘जिला गवर्नर’ अपने जिले के प्रभारी होंगे।”


राजनीतिक और व्यवस्थापक के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव करते हुए तलिबान ने प्रांतों और जिलों के लिए पहले ही गवर्नरों, पुलिस प्रमुखों और पुलिस कमांडरों की नियुक्ति कर दी है।

समांगनी यह भी कहा कि – “नई प्रशासन प्रणाली, राष्ट्रीय झंडा और राष्ट्र गान पर अभी फैसला नहीं लिया गया है।

दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय में उप नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई ने बृहस्पतिवार को विदेशी मीडिया चैनलों के माध्यम से बताया कि “अफगानिस्तान में बनने जा रही नई सरकार में अफगानिस्तान के सभी कबीलों के सदस्यों और महिलाओं को शामिल किया जाएगा।”


उन्होंने यह भी कहा कि तालिबान विश्व के सभी प्रमुख देशों के साथ मित्रवत सम्बन्ध बनाना चाहता है। आने वाले दो दिनों में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का परिचालन शुरू हो जाएगा और वैध दस्तावेजों के साथ आए विदेशी लोगों को देश छोड़ने की भी अनुमति दी जाएगी।

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