सरिया । झारखंड
स्मार्ट सिटी सरिया की कहानी को आगे बढ़ाते हुए आज हम सप्ताह के प्रत्येक बुधवार को लगने वाले हाट बाजार की अजीबो गरीब कहानी की अनोखी बात बताते हैं।
सरिया प्रखंड में बुधवार के दिन स्थानीय बाजार लगने वाली जगह की अपनी एक खास पहचान है, चुकी ये रोड किसी खास पहचान की मोहताज नही हैं, क्योंकि यही वह रोड है, जिसे तीन नामो से जाना जाता है- गणेश मंदिर रोड, हटिया बाजार रोड और माहुरी मुहल्ला। बता दें कि सप्ताह में एक दिन प्रत्येक बुधवार को यहां साप्ताहिक हाट बाजार सुबह 8 बजे से लेकर, रात के 8 बजे तक लगती है जहां हजारों की संख्या में लोग आते हैं और ज़रूरी सामानों की खरीद करते हैं। जिनमें सब्जी-फल से लेकर कपड़ा, राशन, घड़ा, बर्तन, औजार जैसे अनगिनत सामान मिलते हैं।
बाजार में खरीद-बिक्री करने दूर-दूर से गांव के महिला – पुरुष, बुजुर्ग और बच्चे आते हैं। गर्मी का मौसम चल रहा है और इस प्रचंड गर्मी में प्यास लगना स्वाभाविक है। ऐसे में लोगों को इस शरीर जला देने वाली तपीस में पानी भी मुहैया नही हो पाता। जिसके कारण दूर दराज से आए ग्रामीण, इस रोड में रहने वाले ग्रामीणों से पानी मांग कर पीने को मजबूर हो जाते हैं।
हालांकि पानी पिलाना एक धार्मिक आस्था है, आज तक किसी को मना नही किया गया है, लेकिन फिर भी बात आती है गर्मियों में सरकार की ओर से पीने के पानी की व्यवस्था आखिर क्यों नहीं मुहैया कराई गई है?
इस रोड में राहगीरों को पीने की पानी की सरकारी अव्यवस्था
बता दें कि इस पूरे बाजार क्षेत्र में एक भी सरकारी जलस्रोत की व्यवस्था नहीं है। हालांकि एकमात्र चापानल नाममात्र का है, जो कई वर्षों से गंभीर बीमारी से ग्रसित है। जिसका आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि ने इलाज नहीं करवाया। वार्ड से लेकर, विधायक, जिला परिषद या कोई नेता या प्रखंड विकास पदाधिकारी सभी ने इसकी अनदेखी की है। स्थानीय लोगों द्वारा कई बार इसकी शिकायत जनप्रतिनिधियों से कि गई, लेकिन नतीजा जस का तस है।
ऐसा लगता है कि इस चापानल को जबरजस्ती बीमार बनाया गया है, ये खुद से खराब नही हुआ है। क्योंकि आज भी इस बोरिंग से किसी का व्यक्तिगत स्वार्थ पूरा होता, स्पष्ट दिखाई देता है। लेकिन पहुंच इतनी भयानक है, की नगर पंचायत के अधिकारी या प्रखंड बिकास पदाधिकारी, सबों ने अपनी आखें बंद कर रखी है।
आगे पढियेगा-
कैसे सरिया स्मार्ट सिटी का जल मीनार बना कुतुबमीनार,,,?