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झारखंड

अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संगठन ऐपवा का 30 वॉ स्थापन दिवस के मौके पर महिलाओंं का राज भवन घेराव।

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रांची |  झारखण्ड 

राज्यपाल के द्वारा प्रधानमंत्री के नाम 11 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया!

अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) ने अपनी 30 वां स्थापना दिवस के मौके पर राज्य भर से हजारों महिलाएं अपने जीवन और सुरक्षा से जुड़े मांगों को लेकर राजभवन का घेराव किया। घेराव के माध्यम से राज्यपाल के द्वारा प्रधानमंत्री को 11 सूत्री मांग पत्र भी सौंपा गया।

 राजभवन घेराव को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन की राष्ट्रीय सचिव कुसुम वर्मा ने कहा कि देश भर में महिलाओं की आजादी छीनी जा रही है,महिलाएं मोदी सरकार में लगातार असुरक्षित महसूस कर रही हैं। मोदी सरकार अमृत महोत्सव मना रही है तो वही दूसरी तरफ बलात्कारियों को जेल से रिहा कर रहा है। यह देश की दुर्भाग्य है कि जिन्हें जेल के अंदर होनी चाहिए वह बाहर हैं और उन्हें स्वागत किया जा रहा था, सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद न्याय की उम्मीद थोड़ी जगी है।मोदी सरकार समाज में यह संदेश दे रही है कि अब रेपिस्ट करना कोई गुनाह नहीं है। वही बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्रा के साथ भाजपा समर्थक गुंडे रेप करते है और उन्हें महीनों तक गिरफ्तार नही किया जाता है। इस तरह की घटनाएं पूरे देश में लगातार बढ़ रही है। महिला सुरक्षा के नाम पर मोदी सरकार पूरी तरह से विफल हो चुकी है।

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महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के बजाए हम देख रहे हैं कि शिक्षा से उन्हे दूर होना पड़ रहा है। शिक्षा की बुनियाद यह है है कि किसी तरह आबादी का कुछ हिस्सा 10th तक पढ़ाई कर पा रहे हैं। उच्च शिक्षा में बमुश्किल से महिलाएं पहुंच पा रही है। पितृ सत्तात्मक समाज में महिलाओं को राजनीतिक आर्थिक बराबरी से वंचित किया गया है। महिलाओं के कामों के लिए जितना दाम और छुट्टी मिलनी चाहिए उससे महिलाएं वंचित है।

वही ऐपवा के राज्य सचिव गीता मंडल ने कहा कि फासीवाद को मिटाने में महिलाओं की होगी अहम भूमिका होगी।

जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है लगातार रसोई गैस के दाम बढ़ रहे हैं। बेरोजगारी  चरम सीमा पार कर चुकी है। रसोईया,आशाकर्मी जैसे लोगों को नाम मात्र का वेतन दिया जा रहा है। वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर लोकतांत्रिक तरीके से आवाज उठाने पर सरकार लाठियां बरसाती है जो  बिल्कुल लोकतंत्र विरोधी है। आज देश के सामने यह स्थिति है कि संविधान लोकतंत्र खतरे में है, व्यक्तित्व आजादी को कैद किया जा रहा है, विपक्ष मुक्त संसद बनाने की पूरी तैयारी चल रही है। इसके खिलाफ देश भर की महिलाएं एकजुट होंगे और 2024 के चुनाव में मोदी सरकार को उखाड़ फेकेंगे।

11 सूत्री मांग निम्न है:

1. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झूठे मुकदमे में फंसा कर गिरफ्तार किया गया है उन्हें अविलंब बाइज्जत रिहा किया जाए।

2. रसोई गैस की कीमत ₹500 प्रति सिलेंडर किया जाए।

3. 2024 के लोकसभा चुनाव के पूर्व महिला आरक्षण बिल पारित किया जाए।

4. बिलकिस बानो ,महिला खिलाड़ियों एवं बनारस विश्वविद्यालय के छात्राओं के बलात्कारियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। 

5. झारखंड के सभी प्रखंडों में डिग्री कॉलेज एवं नर्सिंग कॉलेज की स्थापना किया जाए 

6. सभी स्कीम वर्कर को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए।

7.महिला समूह को माइक्रोफाइनेंस कंपनी द्वारा ऋण देने पर प्रतिबंध लगा कर समूह की महिलाओं को सीधे बैंक द्वारा ऋण उपलब्ध करायी जाय।

8.आउट सोर्सिंग कंपनी को बंद किया जाय एवं सभी सरकारी विभागों की खाली पड़े पदों पर नियमित बहाली की जाए।

9.देवघर जिला के मोहनपुर प्रखंड स्थित बंद एकमात्र प्रोजेक्ट हाई स्कूल चकरमा,मोहनपुर को छात्राओं की पढ़ाई के लिए अविलंब चालू किया जाए। 

10.झारखंड में डिग्री प्राप्त युवा  युवतियों के लिए बहाली शुरू की जाय।

11.झारखंड में महिला आयोग का अविलंब गठन किया जाय।

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