जमशेदपुर : एनआईटी जमशेदपुर ने भारत के भविष्य के विकास के लिए दूरदर्शी थीम अकादमिक कॉन्क्लेव 2024 के साथ उद्योग अकादमिक कॉन्क्लेव का आयोजन किया। जिसमें देश विदेश से 60 संस्थान के प्रतिनिधि शामिल हुए। इसी क्रम में नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय, जमशेदपुर के छात्रों ने एक अभिनव परियोजना के माध्यम से स्पीड ब्रेकर के जरिए बिजली उत्पन्न करने का मॉडल प्रस्तुत किया है, जिसका उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की वायरलेस चार्जिंग के लिए किया जा सकता है। इस परियोजना को विकसित करने वाली टीम में राजदीप राय, मेघा कुमारी, तनिषा गुप्ता, रोहित गोराई और विशाल चौबे शामिल हैं।
इस मॉडल का उद्देश्य सड़कों पर स्पीड ब्रेकर के जरिए वाहनों की यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करना है। जब वाहन स्पीड ब्रेकर पर से गुजरते हैं, तो उनके द्वारा उत्पन्न यांत्रिक दबाव का उपयोग बिजली उत्पन्न करने के लिए किया जाता है। यह प्रक्रिया विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए स्पीड ब्रेकर और डायनेमो के उपयोग पर आधारित है। डायनेमो यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलता है, जिसे बैटरी में संग्रहीत किया जाता है। इसके बाद, इस ऊर्जा का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए किया जा सकता है।
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टीम ने बताया कि यह मॉडल ऊर्जा संरक्षण और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है। वर्तमान में, ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए बड़ी मात्रा में बिजली की आवश्यकता होती है, जिसे इस तकनीक के माध्यम से पर्यावरण के अनुकूल तरीके से पूरा किया जा सकता है।
इस परियोजना के तहत स्पीड ब्रेकर का उपयोग न केवल वाहनों की गति धीमी करने में सहायक होगा, बल्कि यह स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन का एक सस्ता और टिकाऊ माध्यम भी प्रदान करेगा। टीम का मानना है कि यह मॉडल बड़े पैमाने पर लागू किया जाए, तो यह पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता को कम कर सकता है।
यह परियोजना न केवल तकनीकी रूप से प्रभावशाली है, बल्कि पर्यावरणीय संरक्षण और ऊर्जा बचत की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।
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