वीरता और बलिदान की गाथा, पोटका : आज, 23 जून 2024 को, देवली गांव में एक भावुक समारोह में स्वतंत्रता सेनानी दूसा और जुगल भूमिज दोनों भाइयों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इन वीर सपूतों को अंग्रेजों ने क्रूरतापूर्वक फांसी दे दी थी। सैकड़ों ग्रामीणों ने पूजा-अर्चना कर दोनों भाइयों की वीरता और बलिदान को याद किया।
इस अवसर पर, देवली चौक का नामकरण “दूसा-जुगल चौक, देवली” रखा गया। यह वीर योद्धाओं की वीरता और बलिदान को सदैव याद रखने का एक प्रयास है।
पोटका क्षेत्र के जाने-माने समाजसेवी जन्मेजय सरदार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने अपने भाषण में दूसा और जुगल भूमिज के साहस और त्याग की सराहना करते हुए कहा, “ये वीर सपूत हमारे लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी। हमें उनके बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए।”
इस समारोह में ग्रामीणों के साथ-साथ स्थानीय नेता और गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए।
दूसा और जुगल भूमिज के बारे में:
दूसा और जुगल भूमिज पोटका क्षेत्र के वीर सपूत थे। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ 1857 के विद्रोह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अंग्रेजों ने उन्हें पकड़कर क्रूरतापूर्वक फांसी दे दी थी।
यह समारोह:
यह समारोह उन वीरों को श्रद्धांजलि देने का एक प्रयास था जिन्होंने अपना सब कुछ देश की स्वतंत्रता के लिए न्योछावर कर दिया। यह युवा पीढ़ी को प्रेरणा देने और राष्ट्रवाद की भावना को मजबूत करने का भी एक अवसर था।