जमशेदपुर : एनआईटी जमशेदपुर में उद्योग अकादमिक कॉन्क्लेव – 2024 में शामिल देश के प्रमुख संस्थानों ने हिस्सा लिया, संस्थाओं के विद्यार्थियों ने नवाचार को प्रदर्शित करते हुए अनोखे प्रयोगों द्वारा नए उपकरण का प्रदर्शन भी किया है जिनमें शामिल है – Air Ink Model
Air Ink Model (वायु स्याही मॉडल) : प्रदूषण से नवाचार तक का सफर
वायु स्याही मॉडल (Air Ink Model) पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने वाला एक अनूठा और क्रांतिकारी नवाचार है। यह मॉडल वायु प्रदूषण को स्याही में बदलने की तकनीक पर आधारित है, जो पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता और स्थिरता का प्रतीक है। इसमें विशेष रूप से जीवाश्म ईंधन के जलने से उत्पन्न हानिकारक कार्बन का उपयोग किया जाता है।
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इस प्रक्रिया को “कार्बन कैप्चर” के नाम से जाना जाता है, जिसमें वायुमंडल से सूक्ष्म कण और हानिकारक प्रदूषक तत्व एकत्र किए जाते हैं। इसके बाद इन्हें रासायनिक रूप से संसाधित करके प्रयोग योग्य स्याही में परिवर्तित किया जाता है। यह स्याही न केवल पर्यावरण अनुकूल है, बल्कि रचनात्मकता को भी बढ़ावा देती है। वायु स्याही का उपयोग कला, डिजाइन और लेखन जैसे क्षेत्रों में किया जा सकता है, जो प्रदूषण के प्रति जागरूकता का प्रतीक बनती है।
यह मॉडल न केवल वायु प्रदूषण को कम करने में सहायक है, बल्कि यह इस बात का संदेश भी देता है कि कैसे तकनीकी और रचनात्मकता का उपयोग करके पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। वायु स्याही मॉडल ने दुनियाभर में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में नई संभावनाओं को जन्म दिया है और वायु गुणवत्ता के महत्व पर जोर दिया है।
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यह पहल हमारे ग्रह के लिए एक प्रेरणा है, जो यह दिखाती है कि हानिकारक उत्सर्जन को उपयोगी संसाधनों में बदला जा सकता है। वायु स्याही मॉडल जैसे नवाचार न केवल हमारे पर्यावरण को संरक्षित करने में मदद करते हैं, बल्कि एक हरित और स्वच्छ भविष्य की ओर हमारा मार्गदर्शन भी करते हैं।
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