MOVIE : शुक्रवार 20 जनवरी 2023
आज से एक वर्ष पूर्व आई फ़िल्म “मैंने गांधी को क्यो मारा” रही विवादों में। वेब सिरीज प्लेटफार्म पर बनी फिल्म “मैंने गांधी को क्यो मारा”, को सुप्रीम कोर्ट से रिलीज़ की अनुमति मिल गई है। जल्द ही यह फ़िल्म वेब सिरीज प्लेटफार्म पर उपलब्ध होगी। लगभग एक वर्ष पूर्व ही यह फ़िल्म आ चूकी थी। लेकिन कतिपय विवादों के कारण यह पूरी तरह से विवादित होने के कारण प्रसारित नहीं हो पाई। हालाँकि सोशल मिडिया पर भी यह फ़िल्म कई बार शेयर किये जा चुके हैं।
इस फ़िल्म में एनसीपी सांसद अमोल कोल्हे नाथूराम गोडसे की भूमिका में है।
आपको बता दें की नाथू राम गोडसे ने सन 1948, 30 जनवरी को महात्मा गाँधी को गोली मारी थी। इस सम्बन्ध में जेल में रहकर ही नाथू राम गोडसे ने अपने मन की पीड़ा को बयान करते हुए लिखा था – “मैंने गांधी को क्यो मारा”
बता दें की दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट से यह मांग की गई थी कि ‘मैंने गांधी को क्यों मारा’ फिल्म या इसके किसी भी कंटेट को ओटीटी प्लेटफॉर्म या किसी अन्य ऑनलाइन सोशल मीडिया पर प्रदर्शन या पब्लिकेशन पर रोक लगाई जानी चाहिए। याचिकाकर्ताओं द्वारा सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से फिल्म “मैंने गांधी को क्यों मारा” के सभी कंटेट को हटाने की मांग की थी।
शहीद दिवस (30 जनवरी) पर विशेष : “मैंने गांधी को क्यों मारा”
“मैंने गांधी को क्यों मारा” टाइटल से बनी फिल्म, राइट्स मीडिया इंटरनेशनल के बैनर तले प्रोड्यूस किया गया है। याचिकाकर्ता का कहना था की फिल्म ‘मैंने गांधी को क्यों मारा’ नाथूराम गोडसे द्वारा महात्मा गांधी की हत्या और अदालत के मुकदमे पर आधारित है। यह फिल्म महात्मा गांधी की छवि को धूमिल करते हुए नाथूराम गोडसे का महिमामंडन करती है। फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज के लिए बनाई गई है। इस फ़िल्म की निर्मात्री कल्याणी सिंह और निर्देशक अशोक त्यागी ने उसी लीगल बयान को आधार बनाकर इसका निर्माण किया। फिल्म के प्रस्तुतकर्ता मान सिंह हैं। यह फिल्म 14वें ग्लोबल फिल्म फेस्टिवल (GFFI), नोएडा और खजुराहो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल (KIFF)2021 के लिए चुनी गई थी।
आपको बता दें की राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या कांड के बाद एक लंबी लड़ाई अदालत में चली थी। इस दौरान नाथूराम गोडसे ने अपना एक बयान कोर्ट को सौंपा था जिसमें उन्होंने बताया कि ‘मैंने गांधी को क्यों मारा?’
अबतक का सबसे बड़ा बयान – स्टेटमेंट पढ़ने में लगे थे साढ़े चार घंटे।
न्यायाधीश आत्मा चरण के न्यायालय में गाँधीजी मर्डर केस की सुनवाई चल रही थी, उसी अदालत में नाथूराम गोडसे ने अपना बयान पढ़ा – ‘मैंने गांधी को क्यों मारा?’ आपको बता दें की पूरा स्टेटमेंट पढ़ने में साढ़े चार घंटे लगे थे। बाद में उसी बयान को एक पुस्तक के रूप मे तब्दील कर दिया गया जिसे नाम दिया गया – ‘मैंने गांधी को क्यों मारा’?
इस हत्याकांड से पहले नाथू राम गोडसे गाँधी जी के भक्त हुआ करते थे और वे एक स्वतंत्रता सेनानी थे। पुणे में रहकर एक अखबार ‘अग्रणी’ का संपादन किया करते थे।
हालाँकि गाँधी जी की हत्या और नाथूराम गोडसे की सजा मात्र से ही यह मामला थमा नहीं। इसपर विवाद होते रहें और जांचों का सिलसिला चलता रहा की – “गांधी को क्यों मारा?”
वर्ष 1964 की बात है, भारत सरकार ने इस सम्बन्ध में एक जांच कमीशन बैठा दी। विषय था – गाँधीजी की हत्या की वजह क्या थी? सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जे एल कपूर की ज्यूरिडिक्शन में यह जांच सम्पन्न हुई। वर्ष 1970 में उन्होंने अपनी रिपोर्ट पेश की। इसी रिपोर्ट और गोडसे के लीगल स्टेटमेन्ट को मिलाजुला कर फ़िल्म बनाई गई है – ‘मैंने गांधी को क्यों मारा?’
बता दें की पूरी फ़िल्म लगभग 45 मिनट की है। इस फिल्म के आरंभ में 10 मिनट की कमेंट्री इसी रिपोर्ट के चैप्टर 12 के कुछ अंश को लेकर बनाया गया है। और फिल्म के अन्य 35 मिनट में गोडसे के लीगल दस्तावेज का ही रूपांतरित है।
राइट मीडिया के बैनर तले बानी यह फ़िल्म मानसिंह द्वारा प्रस्तुत की गयी है। फ़िल्म की निर्मात्री हैं – कल्याणी सिंह और निर्देशक हैं – अशोक त्यागी, फिल्म के छायाकार हैं – संजीव सूद, आवाज – शिवदास है, एडिटर -भरत बरिक, गीतकार हैं- फ़ैज़ अनवर और इस फ़िल्म में संगीत दिया है – हृजु रॉय ने।
इस फिल्म पर आप अपनी प्रतिक्रिया हमें जरूर बताएं की गाँधी जी को मार कर नाथू राम गोडसे ने अच्छा किया या बुरा।
देखें यह वीडियो –