टैकनोलजी: भारत की महत्वपूर्ण कंपनी टेक महिंद्रा ने देश का मान बढ़ाया। उसने एक लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) बना लिया है। जिसकी कल्पना ओपनएआई के सैम ऑल्टमैन ने नहीं की थी। ऐसा करके टेक महिंद्रा ने ऑल्टमैन को करारा जवाब दे दिया है। आपको बता दें की ऑल्टमैन ने कहा था कि भारत कभी LLM नहीं बना सकता। टेक महिंद्रा के पूर्व सीईओ और AIonOS के फाउंडर सीपी गुरनानी ने कहा कि इस मॉडल को मात्र 5 मिलियन डॉलर में पांच महीने के अंदर डेवलप किया गया है।
40 अलग-अलग भाषाओं में काम करेगा
मुंबई स्थित टेक महिंद्रा ने इस भारतीय LLM को डेवलप किया है, जो लगभग 40 अलग-अलग स्थानीय भाषाओं और बोलियों में बातचीत कर सकता है।
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आधी कीमत में बना डाला LLM
गुरनानी ने बताया, “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि उन्होंने उस काम पर पांच मिलियन डॉलर से भी कम खर्च किया जिसके बारे में सैम ऑल्टमैन ने कहा था कि भारत कभी उसे पूरा नहीं कर पाएगा।”
सैम ऑल्टमैन ने क्या कहा था
ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने कहा था कि “फाउंडेशन मॉडल्स की ट्रेनिंग में हमारे साथ मुकाबला करना पूरी तरह से निराशाजनक है।” हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि भारतीय स्टार्टअप ऐसा कर सकते हैं और करेंगे।
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भारत भी एआई की दौड़ में शामिल
गुरनानी ने अपने भाषण में कहा कि एआई तकनीक सेल्स और कस्टमर सर्विस में 40% तक प्रॉडक्टिविटी बढ़ा सकती है। उन्होंने भारत को एआई की दौड़ में एक प्रमुख खिलाड़ी भी घोषित किया।
प्रोजेक्ट इंडस का शुभारंभ
टेक महिंद्रा ने प्रोजेक्ट इंडस नाम से अपने LLM के पहले चरण की शुरुआत की, जो कई भारतीय भाषाओं और बोलियों में बातचीत करने के लिए डिजाइन किया गया है। मेकर्स लैब के ग्लोबल हेड निखिल मल्होत्रा ने बताया कि इस मॉडल को हिंदी बोलने वाले आबादी से डेटा इकट्ठा करके बनाया गया है।
इंडस एलएलएम का उपयोग
इसके जनक ने बताया की इंडस एलएलएम “जेनएआई इन ए बॉक्स” फ्रेमवर्क का उपयोग करेगा ताकि इसे इंडस्ट्री यूज के लिए आसानी से तैयार किया जा सके। हालाँकि डेल टेक्नोलॉजीज की टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए, यह मॉडल मुख्य रूप से विभिन्न इंडस्ट्रीज़ में उपयोगी साबित होगा।