The budget on a broader level focused on promoting the setting up of new enterprises, tax holidays, and a boost to digital payments with respect to startups.
Union Budget 2021 Live Updates on 1 February 2021 in Hindi: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश कर दिया. कोविड19 महामारी के बीच आया बजट 2021 इस बात के साफ संकेत दे गया कि ‘स्वस्थ भारत’ और ‘मजबूत बुनियाद’ पर ही देश आगे बढ़ेगा. अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए खर्च करना ही है, सरकार ने जिस तरह राजकोषीय घाटे का लक्ष्य निर्धारित किया है, उससे यह बात साफ है. वित्त मंत्री के बजट में ऐसा कोई नया टैक्स नहीं लगाया जिसका निवेशकों, कारोबारियों या करदाताओं पर नकारात्मक असर हो. यही वजह रही कि शेयर बाजार भी बम-बम करता नजर आया और निवेशकों की दौलत एक ही दिन में 6.8 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई. वित्त मंत्री ने फॉर्म क्रेडिट लिमिट को 16.5 लाख करोड़ रुपये करके किसानों को एक अहम संदेश देने की पहल की. हालांकि, वेतनभोगी करदाताओं का इंतजार एक साल और बढ़ गया. यानी, करदाताओं की जेब पर किसी भी तरह की राहत नहीं दी गई.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के लिए कुल 34,83,236 करोड़ रुपये के व्यय का बजट पेश किया है. यह चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान 34,50,305 करोड़ रुपये से थोड़ा ही अधिक है. इसमें पूंजी व्यय 5,54,236 करोड़ रुपये है, जो 2020-21 के संशोधित अनुमान 4,39,163 करोड़ रुपये से कहीं अधिक है. बजट दस्तावेज के मुताबिक, राजस्व खाते पर व्यय 29,29,000 करोड़ रुपये अनुमानित है जबकि 2020-21 के संशोधित अनुमान के अनुसार खर्च 30,111,42 करोड़ रुपये दिखाया गया है.
वित्त मंत्री ने बजट में 6 पिलर्स के नाम, स्वास्थ्य और कल्याण, भौतिक और वित्तीय पूंजी, और अवसंरचना, आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना, नवप्रवर्तन और अनुसंधान एवं विकास और न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन, गिनाए. बजट में आयकर दाताओं को बजट में किसी भी तरह अहम राहत का एलान नहीं किया गया है. इनकम टैक्स स्लैब में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. हालांकि, वरिष्ठ नागरिक जो 75 साल से अधिक हैं और उनकी पेंशन व जमा से आय है तो उनकी इनकम टैक्स रिटर्न से छूट देने का एलान किया.
वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2022 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है, जोकि 2021 में 9.5 फीसदी रह सकता है.
लेखक : निखिल किरण