Connect with us

झारखंड

बंगाल में वक्फ कानून के विरोध की आड़ में हिंसा भड़की, हिंदू समुदाय निशाने पर; चाईबासा में विहिप का प्रदर्शन, राष्ट्रपति शासन की मांग

Published

on

THE NEWS FRAME

चाईबासा (जय कुमार) : बंगाल में वक्फ कानून के विरोध के नाम पर भड़की हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। आरोप है कि इस विरोध की आड़ में हिंदू समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है और उनकी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। मुर्शिदाबाद से शुरू हुई यह हिंसा अब पूरे बंगाल में फैलती दिख रही है, जिससे स्थिति गंभीर बनी हुई है।

इस घटनाक्रम के विरोध में झारखंड के चाईबासा में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने कड़ा रुख अपनाया है। विहिप कार्यकर्ताओं ने पुराना डीसी ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया और उपायुक्त को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंप बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने बंगाल सरकार पर दंगाइयों के सामने निष्क्रिय रहने और कई स्थानों पर उनका समर्थन करने का आरोप लगाया।

विहिप के जिला मंत्री गोनू जायसवाल द्वारा राष्ट्रपति को संबोधित एक पत्र भी जारी किया गया है, जिसमें बंगाल की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है। पत्र में आरोप लगाया गया है कि वक्फ कानून का विरोध केवल एक बहाना है, जबकि असली मकसद मुर्शिदाबाद को हिंदू शून्य बनाना था। पत्र में 11 अप्रैल, 2015 को मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा का हवाला दिया गया है, जिसमें मुस्लिम भीड़ द्वारा हिंदुओं के घरों और दुकानों को लूटा और जलाया गया, कई लोग घायल हुए और तीन लोगों की हत्या कर दी गई। महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की भी खबरें हैं, जिसके कारण 500 से अधिक हिंदू परिवारों को पलायन करना पड़ा।

Read More : संविधान के मूल भावना की रक्षा करना सुप्रीम कोर्ट का दायित्व है : त्रिशानु राय

पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पीड़ितों की मदद करने की बजाय दंगा भड़काने वाले इमामों से मिल रही हैं और शरणार्थियों को वापस भेजने का षडयंत्र कर रही हैं। विहिप ने बंगाल में संघीय ढांचे के ध्वस्त होने, राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में पड़ने, बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की घुसपैठ बढ़ने और हिंदुओं के प्रति हिंसा बढ़ने का भी आरोप लगाया है।

विहिप ने राष्ट्रपति से तत्काल बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने, हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कराने और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है। इसके साथ ही, बंगाल में कानून व्यवस्था केंद्रीय सुरक्षा बलों के हाथों में सौंपने और बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें निष्कासित करने की भी मांग की गई है। पत्र में भारत-बांग्लादेश सीमा पर बाड़ लगाने के काम को तुरंत शुरू करने का भी आग्रह किया गया है।

Read More : बंगाल में हिंसा और हिन्दुओं पर अत्याचार को लेकर विश्व हिन्दू परिषद सरायकेला-खरसावां ने राष्ट्रपति से ममता सरकार को बर्खास्त करने की मांग की

चाईबासा में विहिप के इस प्रदर्शन और राष्ट्रपति को लिखे गए पत्र से बंगाल में जारी हिंसा को लेकर चिंता और भी बढ़ गई है। अब देखना यह होगा कि केंद्र सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है।

इस कार्यक्रम मैं गौ रक्षा झारखंड प्रांत अध्यक्ष सुजीत साहू, झारखंड प्रांत बजरंग दल सहसंयोजक जनार्दन पांडे, विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष जे जे षाड़ंगी, विश्व हिंदू परिषद कार्यकारी अध्यक्ष अशोक जैन, विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री गोनू जायसवाल, सामाजिक समरसता प्रमुख भास्कर कुमार मिश्रा, जिला सत्संग प्रमुख कुंज बिहारी मिश्रा, मठ मंदिर प्रमुख निलेश ठक्कर, बजरंग दल जिला संयोजक रितेश शर्मा, गौ रक्षा जिला अध्यक्ष समीर पाल, जिला प्रचार प्रसार प्रमुख शशि गुप्ता, विश्व हिंदू परिषद के नगर अध्यक्ष अनुज गुप्ता, बजरंग दल का नगर संयोजक बजरंग त्रिपाठी, बजरंग दल के रामनवमी कमेटी के महामंत्री अंकित शाह, बजरंगी देबू, महावीर मंडल के अध्यक्ष रणजीत यादव, वीर बजरंगी राजेश खंडेलवाल, हिमांशु पासवान रोहित श्रीवास्तव के साथ सभी सैकड़ो कार्यकर्ता है मौजूद थे।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *