Jamshedpur : शुक्रवार 20 अगस्त, 2021
मानगो, जाकिर नगर, रोड नं 13 में स्थित शान-ए-वारिस कमेटी के द्वारा मोहर्रम कि 5वीं से लेकर 10वीं तरीख तक क्षेत्र के उलाम-ए-केरामो ने जिक्र-ए-शौहदा कर्बला कि शान में तकरीरें पेश कि है।
जिसमें मदीना मस्जिद के इमाम मुफ्ती अब्दुल मालीक मिस्बाही, शबीना मस्जिद के इमाम कारी इम्तियाज़, साबरी मस्जिद के इमाम सगीर आलम, अली अहमद उस्मानी, खानका-ए-फिरदौसिया, तौसिफ रज़ा मस्जिद-ए-शिबतैन रज़ा, मौलाना गुलाम जिलानी अता शेहवदी (भगलपुर से) और साथ ही नात खाह मदीना मस्जिद के मौअज्जीन इजहार, इरसाद अशरफी जमशेदपुरी, मुम्ताज़ नयर अशरफी, हफीज़ अय्यूब ने अपने कलामों से लोगों को अल्लाह कि याद में डूबो दिया था। इसके साथ ही दस दिनों तक लंगर वितरण का भी आयोजन किया गया था।
बता दें कि मोहर्रम के दसवीं तारीख को तकरीरी कार्यक्रम संपूर्ण रूप से सम्पन्न करते हुए मौके पर सभ्य एजुकेशन वेलफेयर ट्रस्ट एवं शान-ए-वारिस कमेटी के महासचिव जोगन अशरफ, हुसैन वारसी ने कहा कि यह महिना ही नहीं बल्कि सारा जमाना हुसैन का है।
आज नज़र उठाकर देख ली जाए तो ये मालूम चलेगा मोहब्बत-ए-हुसैन क्या है। इमाम हुसैन अलेहिस्सलाम के मानने वालों में सभी धर्मों के लोग शामिल है। सभी धर्मों के लोग बड़ी आस्था और प्रेम से इमाम हुसैन व उनके पुरे परिवार से मोहब्बत करते है।
आज इमाम हुसैन कि मोहब्बत का ही शिला है। जो पुरी दुनिया में हर जगह हसन ओ हुसैन के नाम वालें दिखाई देते है।
इसके अलावा जोगन अशरफ हुसैन वारसी बाबा के तरफ से आज आठ सालों से ताजियादारी करने का शिलशिला जा रहीं है। और इस वर्ष भी मोहर्रम कि नौवीं तरीख को सबी-ए-हुसैन अलेहिस्सलाम का मजार-ए- मुबारक जो ताजिया कि शकल में पेश किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में हकीम वारसी, मंजूर साबरी, सखावत अशरफी, सद्दाम अंसारी, मतिउल्लाह अंसारी, वसीम, रजी, राजू, शाहनवाज, तरीख मेहमूद, मो हम्जा, जुबैर मलिक, ट्रस्ट के संरक्षक एम-एस-खान, जावेद सुरी आदियो का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
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