Jamshedpur : शनिवार 07 जनवरी, 2023
इसके साथ ही जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा का एक बड़ा हिस्सा टाटा लीज क्षेत्र के अधीन है. इस क्षेत्र में जनसुविधाएँ देना कम्पनी का दायित्व है. परंतु हाल तक इस क्षेत्र की बस्तियों में कंपनी की सुविधाएँ नहीं के बराबर थीं. इस बीच हमने बस्तियों को कंपनी का पानी और बिजली दिलाने के लिए पहल आरम्भ किया. यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि इस दिशा में काफी प्रगति हुई है. लीज क्षेत्र अथवा लीज क्षेत्र के बाहर की जिन बस्तियों को विगत अनेक वर्षों से कंपनी का पानी, बिजली नहीं मिल सका था, उन्हें कंपनी ने पानी-बिजली देना आरम्भ कर दिया है. कतिपय उदाहरण उल्लेखनीय हैं –
पेयजल आपूर्ति:-
बिजली के अतिरिक्त लीज एवं लीज के बाहर की बस्तियों में पेयजल की आपूर्ति करने पर कंपनी सहमत हो गई है. कोविड काल से ही कंपनी के साथ कई बैठकें इस बारे में हुई हैं, जिनमें कंपनी ने पेयजल आपूर्ति की योजनाएँ लागू करने में हुई प्रगति का ब्यौरा दिया है.
रामाधीन बगान, मनीफीट, ग्वाला बस्ती (तार कंपनी), आजाद बस्ती जेम्को, मिश्रा बगान, नामदा बस्ती जीत सिंह बगान एवं आदर्श नगर, महानंद बस्ती, केबुल टाऊन हरिजन बस्ती, छाया नगर, टीना बस्ती एवं संतोषी माता मंदिर के सामने कैरेज कॉलोनी बर्मामाइंस, भक्ति नगर, कल्याण नगर, किशोरी नगर, जेपी नगर, इंद्रा नगर आदि इलाकों में पेयजल कनेक्शन का प्रतिवेदन कंपनी ने दिया है.
इसके अतिरिक्त सबलीज एवं बगान एरिया के विभिन्न मुहल्लों और मोहरदा के पेयजल कनेक्शन के बारे में 2020 से 2022 के बीच दिये गए पेयजल कनेक्शनों की सूचना कंपनी ने दी है और इन इलाकों में माँग के अनुरूप नए कनेक्शन देने की जारी प्रक्रिया का लक्ष्य भी दिया है जिसकी सूची काफी लंबी है. यह सूची 16 मई 2022 तक की है. हमने दिसंबर 2022 तक का अद्यतन विवरण कंपनी से माँगा है.
हमने छायानगर से बाबूडीह-लालभट्ठा-छाई बस्ती के इलाकों में पानी, बिजली, सिवरेज, जल निकासी की समस्या दूर करने के कार्य को प्राथमिकता से लिया है. ये समस्यायें बरसों से लंबित है. इसमें लीज एरिया और गैर लीज एरिया दोनों आते हैं. इसके लिए दिनांक 17.05.2022 को उपायुक्त कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन किया था. तबसे इस बारे में हुई स्थायी एवं दीर्घकालिक प्रगति से अवगत कराना आवश्यक है.
कोविड काल में हमारे साथियों द्वारा किए गए कार्यों के साथ ही बीते वर्ष में हुए कतिपय कार्यों का संक्षेप में उल्लेख करना चाहता हूँ:-
7 जनवरी 2022 के संवाददाता सम्मेलन में हमने कहा था कि मालिकाना, म्युनिसिपैलिटी और मोहरदा पेयजल आपूर्ति परियोजना का संकट हमें विरासत में मिला है. साथ ही इंकैब, लीज समझौता के अनुरूप जनसुविधाएँ, बेतरतीब एवं अनियमित शहरीकरण तथा बेहतर एवं वृहत जमशेदपुर आदि बिंदुओं पर काम करूँगा. मुझे यह बताते हुए संतोष हो रहा है कि मैंने उपर्युक्त बिन्दुओं पर साल भर गम्भीर प्रयास किया है.
1. इंकैब के मामले में सरकार से हस्तक्षेप की अपेक्षा पूरा नहीं हुई. कई बार आश्वासन के बावजूद सरकार ने मात्र पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त से एक प्रतिवेदन भर प्राप्त किया है. मजदूरों के अधिवक्ता के प्रयास से इस बारे में उम्मीद जगी है. आईएनसीएलटी और इंक्लैट में हुई मुकदमेबाजी में एक नया मोड़ आया है. वेदांता के बिड पर विचार हो रहा है. हमारा उद्देश्य इतना ही है कि केबुल मजदूरों का हक मिलना सुनिश्चित हो जाए और इस जगह पर आर्थिक गतिविधि शुरू हो जाए. सरकार की सुस्ती और अन्यमनस्कता तथा कंपनी एक्ट की पेंचीदगियों के बावजूद मजदूरों के संघर्ष में मेरी सहभागिता पूर्ववत है और उनके अधिवक्ता के साथ सक्रिय संबंध रखकर मजदूर हित में अधिकतम करने का हमारा प्रयास जारी है. इसमें सफलता मिली है कि यहाँ रहने वालों को पानी, बिजली एवं अन्य जनसुविधाएँ दिलाने में हमें सफलता मिली है. इसके बारे में प्राप्त सफलता का उल्लेख ऊपर की कंडिकाओं में वर्णित है.
2. मालिकाना हक के बारे में सरकार अभी भी यही राग अलाप रही है कि हमने मालिकना की जगह लीज का विकल्प दे दिया है. पर लोग इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं. मात्र 3 व्यक्ति ही आगे आए हैं जबकि दावेदारों की संख्या सैकड़ों में है. मैं इसपर जोर दे रहा हूँ कि लीज देने का निर्णय केवल 10 डिसमिल जमीन तक ही सीमित है जो व्यवहारिक नहीं है. मैंने क्षितिज चन्द्र बोस बनाम आयुक्त, रांची एवं रांची नगर निगम मुकदमे में सर्वोच्च न्यायालय का एक निर्णय विधानसभा के गत दिसंबर 2022 के सत्र में सरकार के सामने रखा है जिसमें कब्जाधारी के प्रतिकुल कब्जा को मान्यता दी गई है. साथ ही इंदौर नगरपालिका का एक बस्ती को नियमित करने का निर्णय भी मैंने सरकार के सामने रखा है.
3. मोहरदा जलापूर्ति परियोजना को 2017 से कंपनी संचालित कर रही है. इसके व्यय में सरकार और कंपनी की हिस्सेदारी 40 और 60 प्रतिशत की है. इस परियोजना की परिकल्पना अस्वस्थ मस्तिष्क की उपज है. इसे जल्दबाजी में लागू करने के कारण इसकी डिजाइन और क्रियान्वयन में अनेक खामियाँ हैं. पूर्वी क्षेत्र का विधायक बनने के बाद मैंने जुस्को, जेएनएसी और नगर विकास विभाग के साथ एक दर्जन से अधिक बैठकें करने और इनके साथ गहन क्षेत्र भ्रमण करने के बाद कई खामियों को दूर कराया है. मसलन, गलत तरीका से बने इंटेक वेल में पानी के भीतर घुसकर लोहे की जाली लगाई गई है, 12 वर्ष बाद टंकियों की सफाई हुई है, असुरक्षित टंकियों के ढाँचा से अलग अस्थायी ढाँचा बनाकर सफाई की गई है. सभी टंकियों में पानी एक साथ भरे इसके लिए पम्प हाउस से लेकर टंकियों तक मेन राईजिंग पाईप ले जाने की व्यवस्था हो रही है, भुवनेश्वरी मंदिर के पास एक नई पानी टंकी बनाने पर काम चल रहा है ताकि ऊंचाई पर स्थित घरों तक पानी चढ़े, एक सेटलिंग पौंड बनाने का काम हो रहा है. नालियों में और सड़कों पर बेतरतीब लंबी दूरी तक बिछाये गये पाइप लाईन की डक्टिंग करने तथा इन्हें समन्वित करने का कार्य हो रहा है. जब यह परियोजना जुस्को को सौंपी गई थी उस समय (जून 2017) तक मात्र 5500 कनेक्शन थे, अब इनकी संख्या करीब 12000 पहुँच गई है. अभी भी कई इलाके में कनेक्शन देना बाकी है. मोहरदा फेज-2 पर काम चल रहा है. मोहरदा पेयजल परियोजना के उपभोक्ताओं को आश्वस्त करने की चुनौती है कि उनके घरों में भी वैसा ही पानी मिल रहा है जैसा जुस्को जमशेदपुर में देती है. जहां भी पेयजल शुद्ध नहीं है वहाँ जाँचकर ठीक किया जा रहा है.
4. म्युनिसिपैलिटी- जमशेदपुर में जेएनएसी की जगह एक वैध म्युनिसिपैलिटी नहीं बन पाने के पीछे भी अस्वस्थ एवं गैरजिम्मेदार मानसिकता की सोच है. इस मानसिकता और सोच के वशीभूत होकर 2005-06 में जमशेदपुर को संघाई बना देने की घोषणा हुई थी. नगर निगम बनने की पृष्ठभूमि में सर्वोच्च न्यायालय तक मुकदमेंबाजी, मुकदमेबाजी की पृष्ठभूमि में निष्क्रियता एवं तिकड़मबाजी तथा अस्थिर मानसिकता एवं अपरिपक्व कार्यप्रणाली के चलते गलत सूचना देकर मुकदमा वापस लेने का निर्णय इस मार्ग की सबसे बड़ी बाधा बन गया है. इस उलझन को सुलझाने में वर्तमान राज्य सरकार को पसीने छूट रहे हैं. साँप-छुछुन्दर वाली स्थिति बन गई है. मैं दबाव बनाए हुआ हूँ कि सरकार नगर निगम बनाए, औद्योगिक नगर बनाए या कोई और प्रबंध करे पर जनहित एवं जनभागिता का प्रावधान रखे. इस मामले में उहापोह के कारण जमशेदपुर वासियों को वित्तीय नुकसान हो रहा है. एक समय जमशेदपुर को संघाई बनाने की घोषणा हुई थी आज जमशेदपुर के सामने ऊंची इमारतों वाला स्लम बन जाने का खतरा मंडरा रहा है. रिफ्युजी कॉलोनी, सीतारामडेरा एवं अन्य कई इलाके इस समस्या से जूझ रहे हैं.
5. जमशेदपुर के नाला (ड्रेन) आधारित विकास की अवधारणा मैंने राज्य सरकार और कंपनी के सामने रखा है. जमशेदपुर में जितने छोटे-बड़े जल निकासी वाले नाले हैं उनके बीच बसने वाली आबादी के हर घर में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हो और प्रत्येक घर से जल-मल की मुकम्मल निकासी करने की व्यवस्था हो, नालों की नियमित उड़ाही हो तथा नालों के गंदा पानी को नदी में गिरने के पहले साफ कर दिया जाय, यह इस अवधारणा का आधार है.
6.जमशेदपुर के समीपवर्ती निकायों को मिलाकर महानगरपालिका की स्थापना करना आवश्यक है. इससे विकास योजनाएँ समन्वित रूप में क्रियान्वित होंगी. सरकार ने आश्वस्त किया है कि नगर निकायों के चुनाव के उपरांत ही यह संभव है.
7.मानगो-जमशेदपुर फ्लाइओवर के बारे में मेरी आपत्तियाँ सही साबित हुई हैं. इसके आलोक में डिजाइन में भारी फेरबदल हो रहा है. अब भुइयांडीह से टाटा पम्प हाउस तक एक फ्लाई ओवर बनाने के मेरे सुझाव पर काम हो रहा है. इसमें अभी और सुधार करना होगा. सरकार ने सोनारी-कांदरबेडा पथ को फोर लेना बनाने, लिट्टी चैक से एनएच-33 तक रुख एवं पुल बनाने तथा गोविन्दपुर -पीपला ऊपरी सड़क पथ का काम शुरू करने पर सरकार विचार कर रही है.
8.जमशेदपुर पूर्वी में स्कूली शिक्षा का स्तर सुधारने, क्षेत्र के एकमात्र कॉलेज, एबीएम कॉलेज, को उत्कृष्ट बनाने में सफलता मिली है.
9.निजी स्तर पर ₹5 में भरपेट भोजन उपलब्ध कराने हेतु ‘श्री बालाजी अन्नपूर्णा भोजनालय’ स्थापित करने और 8वीं, 9वीं, 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों को ‘वीणापाणि पाठशाला’ के माध्यम से निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध करने के प्रकल्प मेरे लिए अतिशय संतोष का कारण है.
10.सत्ता शीर्ष का भ्रष्टाचार और विकास कार्यों से उत्पन्न पर्यावरण पर प्रतिकुल प्रभाव एवं प्रदूषण के विरूद्ध मेरा संघर्ष पूर्ववत जारी रहेगा. हमारी नजर में ये धारणीय विकास के मार्ग में सबसे बड़े अवरोध हैं.
11.हमारे प्रयास से कल्याण विभाग द्वारा सरना/जाहेर स्थान/मसना के संरक्षण एवं विकास के लिए कुल 45 लाख 86 हजार की निधि जिला के कोष में आ गयी है. भूमि की श्रेणी के बारे में जाँच पदाधिकारी ने प्रतिवेदन दे दिया है और जो क्षेत्र टाटा लीज का है उसके लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र के लिए अंचल अधिकारी से प्रक्रिया आरंभ हो गयी है. ये योजनाएं निम्नवत हैं –
12. विगत 3 वर्षों में झारखंड विधानसभा के विभिन्न सत्रों में मैंने राज्य की ज्वलंत समस्याओं को उठाने के अतिरिक्त केवल जमशेदपुर की विविध समस्याओं के बारे में 66 प्रश्न किया है. इन मुद्दों को मैंने अल्पसूचित एवं तारांकित प्रश्न तथा ध्यानाकर्षण एवं निजी संकल्प के माध्यम से उठाया है. इसके अतिरिक्त शुन्य काल में और विभिन्न विषयों पर अपने भाषण के माध्यम से मैंने अनेक मुद्दे उठाया है. इसके कारण जमशेदपुर सहित झारखंड की कई अनियमितताएं उजागर हुई हैं। क्षेत्र की जनता की विभिन्न समस्याओं का समाधान हुआ है.
13.कतिपय कार्य जैसे नदियों को स्वच्छ करना, नदी तट प्रबंधन करना, शहर को प्रदूषण मुक्त करना, समाज को नशामुक्त करना, अल्प आय वर्ग एवं असंगठित समूहों का जीवन बेहतर बनाना, बिरसा नगर सहित अन्य बस्तियों को उन्नत बनाना, प्रशासन और कंपनी की नागरिक सुविधाओं में समन्वय बिठाना, औद्योगिक समूहों की सामाजिक एवं पर्यावरणीय दायित्वों को जनोपयोगी बनाना, शहरी जीवन की महँगाई नियंत्रित करना, जमशेदपुर में स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार- स्वरोजगार, समाज कल्याण को प्राथमिकता देना, जन समस्याएँ दूर करना, नागरिक सुविधाएँ बेहतर बनाने का हमारा अभियान पूर्ववत जारी रहेगा. यह वर्ष भी पूर्व की भांति युवा एवं नारी शक्ति के सहयोग से संपर्क, समस्या, समाधान और समाज के असंगठित, अल्प वेतन भोगी एवं कमजोर वर्गों के उत्थान के लिये समर्पित रहेगा.