राजनीति | झारखण्ड
झारखण्ड सरकार के वरिष्ठ मंत्री चंपई सोरेन ने अपनी एक अलग पहचान बना ली है। मंत्री चंपई सोरेन झारखण्ड टाइगर के नाम से जाने जाते हैं। आज उनके बारे में हम संक्षेप में बताने की कोशिश कर रहे हैं। मंत्री चंपई सोरेन के पिता सिमन सोरेन सरायकेला-खरसावां जिले स्थित जिलिंगगोड़ा गांव में एक किसान थे। उनकी माता का नाम मादो सोरेन है। उनका जन्म 1 नवंबर 1956 में हुआ था।
मंत्री चंपई सोरेन चार भाइयों में सबसे बड़े हैं। उन्होंने 10वीं क्लास तक सरकारी स्कूल में पढ़ाई की और उनका विवाह कम उम्र में ही मानको जी से कर दिया गया। उन्हें 4 बेटे और 3 बेटियां हैं।
चंपई ने अलग झारखंड राज्य को लेकर चले आंदोलन में शिबू सोरेन का साथ कंधे से कंधा मिलाकर दिया। चंपई ने ने सरायकेला सीट से उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। चंपई सोरेन पूर्व में अर्जुन मुंडा के नेतृत्व वाली सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं, बाद में वे झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए थे।
बता दें चंपई सोरेन अर्जुन मुंडा की भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे थे। वे 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक मंत्री रहे। वहीँ हेमंत सोरेन की अगुवाई में बनी झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार में चंपई सोरेन को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, परिवहन मंत्री बनाया गया।
पुनः उन्हें झारखण्ड की कमान सँभालने का मौका मिल रहा है।