औरत कोई वस्तु नहीं है और न ही वह कोई गुलाम ही है, जिसे कहीं भी, कोई भी मनमर्जी इस्तेमाल करे। न ही उसे मजबूर किया जा सकता है की वह किसके साथ रहे और कहाँ रहें?
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