जमशेदपुर | झारखण्ड
भारतीय मानवधिकार एसोसिएशन पूर्वी सिंहभूम की ओर से जिला अध्यक्ष एस एन पाल के नेतृत्व में आज मानगो चौक स्थित खुदीराम बोस की स्थापित मूर्ति पर 115वीं पुण्यतिथि पर माल्यार्पण एवं पुष्प देकर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर एस एन पाल बताया की वे महज 18 साल की उम्र में, अंग्रेजों के नाक में दम कर चुके थे। उनका जन्म 3 दिसंबर 1884 और उनकी मृत्यु 11 अगस्त 1908 में हुई थी। वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। देश की आजादी के लिए उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई लड़ते हुए मुजफ्फरपुर में गिरफ्तार हुए और हंसते-हंसते फांसी पर चढ़ गए। उस वक्त उनके चेहरे पर किसी भी तरह का डर नहीं था। निर्भीक और निडर होकर इन्होने फांसी के फंदे को चूमा था। उनके बलिदान से आज के नौजवानों को सीख लेनी चाहिए ताकि उनके नक्शे कदम पर चलकर देश को आगे ले जाने में सहयोग कर सके। उनका सबसे प्रिय स्लोगन था एक बार विदाई दे मां घूरे आसी, हंसी हंसी पोरबो फांसी देखबे भारतबासी, 9 मास 10 दिन पर जन्म निबो मसीरबारी।