चाईबासा (Jay Kumar) : पश्चिम सिंहभूम जिले की शिक्षा से जुड़ी विभिन्न समस्याओं और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विरोध में लुपुंगूटू के टीआरटिसी हॉल में एक जॉनाल स्तरीय शिक्षा कन्वेंशन का आयोजन किया गया। इस कन्वेंशन में जिले के शिक्षकों, छात्रों और शिक्षाविदों ने भाग लिया।
मुख्य मुद्दे
नई शिक्षा नीति: कन्वेंशन में नई शिक्षा नीति 2020 में किए गए बदलावों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की गई। विशेष रूप से, कला, विज्ञान और वाणिज्य जैसे पारंपरिक स्ट्रीम को हटाने और स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई को अलग-अलग क्षेत्रों में स्थानांतरित करने के फैसले का विरोध किया गया।
परीक्षा परिणाम: परीक्षा परिणामों में लगातार देरी और अनियमितताएं होने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई।
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आदिवासी भाषा के शिक्षक: आदिवासी भाषा के शिक्षकों की बहाली में प्रशासन के गैर-जिम्मेदाराना रवैये की आलोचना की गई।
आर्थिक स्थिति: जिले की खराब आर्थिक स्थिति के कारण छात्रों की शिक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी चर्चा हुई।
कार्यक्रम में उपस्थित:
इस कार्यक्रम में संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष रिंकी वंस्रियार, जिला सचिव सत्येन माहतो, जिला अध्यक्ष सगुन हाँसदा, डेविड तामसोय, सुभासिश प्रधान, लखिन्द्र लोहार, एआईडीएसओ गिरिडीह जिला के उमेश यादव सहित कई प्रमुख छात्र प्रतिनिधि उपस्थित थे।
सांस्कृतिक कार्यक्रम:
कन्वेंशन के दौरान छात्रों ने कई क्रांतिकारी गीत प्रस्तुत किए।
नई कमेटियों का गठन:
कन्वेंशन में लुपुंगूटू और चाईबासा नगर के लिए नई कमेटियां गठित की गईं। अनिस्का को लुपुंगूटू का सचिव और पांडू सिंह खूंटीया को अध्यक्ष चुना गया। इसी तरह, डेविड तमसोय को चाईबासा नगर का सचिव और नूतन बानरा को अध्यक्ष चुना गया।
यह कन्वेंशन पश्चिम सिंहभूम जिले में शिक्षा से जुड़ी समस्याओं को उजागर करने और उनके समाधान के लिए एक मंच प्रदान करने में सफल रहा। कन्वेंशन में आए प्रस्तावों को राज्य सरकार और केंद्र सरकार के समक्ष रखा जाएगा।