JAMSHEDPUR : शुक्रवार 20 जनवरी, 2023
आदिवासी समाज और जीवन को महत्व देने वाले लोगों में शामिल एक और नाम है – चांदमणि कुंकल जी का। जिन्हें लोग प्रेम से ‘द ट्राइबल क्वीन’ (THE TRIBAL QUEEN) के नाम से जानते हैं।
विजिया गार्डन, बारीडीह, जमशेदपुर की रहने वाली श्रीमती चांदमणि कुंकल एक आदिवासी जनजातीय समाज से आती हैं। महिला होने के बावजूद इन्होंने अपने जज़्बे से झारखण्ड में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। बता दें की टाटा स्टील (TATA STEEL) जैसी कंपनी के खिलाफ इन्होंने आवाज़ उठाई और प्रबन्धक को उनके साफ़ लब्जो में कहा दिया था – ” हम अदिवासी इस झारखण्ड की आन-बान और शान है, हमें दबाने की कोशिश मत करियेगा, हम सिर्फ नौकर बनने के लिए नही है अब हम भी मलिक बनेंगे।”
इस जज़्बे को देख कम्पनी के प्रतिनिधियों ने उनको वहां का वेंडर बनने के लिए आमंत्रित किया। कुंकलजी ने इस मौके को स्वीकार किया और अपने हिम्मत के बल पर कम्पनी की पहली महिला वेंडर बनी।
कुंकलजी की कुछ उपलब्धियों के बारे में आपको बताते हैं –
1. TATA STEEL कंपनी में पहली महिला वेंडर “KUNKAL ENTERISE PVT.LTD” के नाम से
2. अखिल भारतीय महासभा जमशेदपुर पूर्वी सिंहभूम की – कोषाध्यक्ष।
3. सीधुं कान्हू जनजातीय +2 कॉलेज ,लौकेशर , मुसाबनी – जियोग्राफी ( भूगोल ) लेक्चरर
4. मिशन मोदी वन्स अगेन पीम जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष
5. राष्ट्रीय विधवा दिव्यांग सुरक्षा संग – अध्यक्ष
6. जनसंख्या समाधान फाउंडेशन – झारखण्ड प्रदेश संयोजक
7 . वुशु संग जमशेदपुर , पूर्वी सिंहभूम, झारखण्ड – संरक्षक
8 . बीजेपी जनजातीय मोर्चा की जिला कमिटी में भी पदभार संभाला हुआ है
कुंकलजी ने कोरोना महामारी के दौरान जरूरतमंद लोगो की भी मदद की है। उनको खाना, राशन, कपडे, दवाईया, बच्चो के स्कूल की फीस, बच्चीयों की शादी में होने वाले खर्च, ऑक्सीजन सिलिंडर तक मोहैया करवाया था। उनका एक ही उद्देशीय है ज़रूरतमंदो को किसी भी तरह से मदद करना ताकि कोई पैसे के आभाव में गलत कदम न उठा ले।
उनका जीवन कठनाइयों भरा रहा है। उन्होंने अपने निजी जीवन में बहुत संघर्ष किया है। ज़मीन से उठ कर अपने मेहनत और हौसले के बूते आसमान तक का सफर तय किया है। अपने जीवन से जुड़े कुछ पहलुओं के बारे में उन्होंने बताया कि उनके इस सफर में उनके बेटे और स्वर्गीय पति ने बहुत साथ दिया है, वो दोनों हमेशा उनके साथ पूरे विश्वाश के साथ खड़े रहे है।
कुंकल जी उन लोगों के लिए एक मिसाल है, जो हलातो से हार कर गलत रास्ते पर चली जाती है। उन सभी लोगो के लिए प्रेरणास्रोत हैं जो अपने हलातो के सामने घुटने टेक खुदखुशी तक जैसे जघन्य कदम उठा लेती है। उनसभी लोगो को कुंकल जी से बहुत कुछ सीखना चाहिए।
कभी न हार मानने वाली श्रीमती चांदमनी कुंकल जी के ज़ज्बे को हमारी पूरी टीम की तरफ से सैल्यूट है।