जमशेदपुर | झारखण्ड
मा० मुख्यमंत्री चंपई सोरेन साहब, आपने पिछले दिनों झारखंड में जातिगत जनगणना करवाने की मांग को मानते हुए जातिगत जनगणना करवाने का जो फैसला लिया है वह सराहनीय है।
इसी क्रम में आपको यह बताना है की झारखंड में दलितों की जनसंख्या लगभग 13% है और मुसलमानो की जनसंख्या 15%, झारखंड में दलितों के लिए केवल एक लोकसभा की सीट आरक्षित है जबकि जनसंख्या के अनुपात में दलितों को लोकसभा में 2 सीटें मिलनी चाहिए और मुसलमानो को भी जनसंख्या के अनुपात में 2 सीटें मिलनी चाहिए जो इनका हक़ है।
पिछले 15 सालों से झारखंड से कोई भी मुस्लिम सांसद नही है, जिन सीटों पर मुस्लिम सांसद जीत सकते थे, उन सीटों पर मुस्लिम प्रतियाशियों को टिकट ही नहीं दिया गया।
जिन जातियों की जनसंख्या झारखंड में बहुत कम है उन जातियों के सांसद मुस्लिम और दलित बहुल सीटों से चुन कर संसद पहुँच रहे हैं। जब तक जनसंख्या के अनुपात में दलितों और मुसलमानो को राजनीतिक भागीदारी नहीं मिलेगी इनका विकास संभव नहीं है।
इसलिए आपसे अनुरोध है आप यह सुनिशचित करें कि झारखंड में कम से कम 2 दलित और 2 मुस्लिम प्रतियाशियों को 2024 लोकसभा चुनाव में गढ़बन्धन से टिकट दिया जाए ताकि इन दिनों समाज का प्रतिनिधित्व हो सके और इनके प्रतिनिधि सदन में इनकी आवाज बन सकें।