अलीगढ़ की नर्स नेहा खान पर लगा है संगीन आरोप। करती थी वैक्सीन जिहाद। वैक्सीन लेने आये लोगों को चुभाती थी खाली सिरिंज और वैक्सीन डाल देती थी कूड़ेदान में।
Crime : कुछ दिनों पहले बेहद ही शर्मनाक घटना सोशल मीडिया पर आई। लोग इसे वैक्सीन जिहाद का नाम दे रहे हैं।
यह घटना उत्तरप्रदेश राज्य के अलीगढ़ जिले का है। नर्स नेहा खान पर गंभीर आरोप सामने आया है। वह बड़ी सफाई से कोविड – 19 की वैक्सीन देने के नाम पर लोगों को मूर्ख बना रही थी।
दरअसल कोरोना की वैक्सीन सीरीज में भर्ती तो थी, सुई बाजू में चुभोती भी थी लेकिन दवा इंजेक्ट नहीं करती थी। बल्कि, दवा बिना इंजेक्ट किए हैं सिरिंज को दवा सहित कूड़े में फेंक देती थी। और यह काम वह पिछले कई दिनों से कर रही थी।
यह मामला तब सामने आया जब सोशल मीडिया में कोविड का टीका लगाने के समय चुपके से एक व्यक्ति ने पूरे वैक्सिनेशन चरण का वीडियो बना डाला। उसने जब वीडियो देखा तो उसे सोशल प्लेटफार्म पर भी शेयर कर दिया। फिर इस घटना की सत्यता के लिए जांच आरंभ हुई तो पता चला अलीगढ़ के जमालपुर अर्बन क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कूड़ेदान में कुल 29 कोविड-19 के वैक्सीन लोडेड सिरिंज पाए गए। तुरंत ही इसकी सूचना मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ भानु प्रताप कल्याणी को दी गई।
जिसके बाद उन्होंने इस कुकृत्य के जांच का आदेश दे दिया गया। जांच के दौरान स्वास्थ्य केंद्र के उपस्थित अन्य स्टाफ से इस विषय पर जब पूछताछ की गई तो उनका साफ कहना था कि एएनएम नेहा खान टीकाकरण न करके दवाई से भरी सीरीज को कूड़ेदान में फेंक दिया करती थी। स्टाफ नेहा से इसके लिए जब बात करते थे तो नेहा कहा करती थी – “मेरा मूड खराब है।”
इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर देख सकते हैं जिसमें दिखाया गया है कि नर्स नेहा खान वैक्सीन लगाती है, सिरिंज चुभोती भी है, लेकिन वैक्सीन की डोज नहीं देती। और सिरिंज कूड़ेदान में डाल देती है। जांच के क्रम में पता चला है कि जमालपुर यूपीएससी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आफरीन एएनएम नेहा खान के द्वारा की जा रही इस कार्य से वाकिफ थी। लेकिन उसने ना तो खुद से कोई कार्यवाही की और ना ही इसकी सूचना संबंधित विभाग को ही दी।
जब मामला सामने आया था तो इसके लिए जांच समिति बैठाकर रिपोर्ट 28 मई को योगी सरकार को दी गई। योगी सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए उस पर एफ आई आर दर्ज के आदेश दिए। तब जाकर नर्स नेहा खान की गिरफ्तारी हुई और उसे नौकरी से हाथ धोना पड़ा। वहीं तथ्यों को छुपाने के आरोप में डॉक्टर आफरीन को जमालपुर यूपीएचसी से हटाकर हरदुआगंज भेजा जा सकता है।
पूछताछ में नर्स नेहा खान ने बताया कि – “वास्तव में वह चाहती थी कि लोगों को वैक्सीन ना लगे, ताकि देश में खूब कोरोना फैले और लोगों में खूब अफरा-तफरी मच जाए जिससे योगी सरकार की बदनामी हो। आश्चर्य इस बात की है कि प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आफरीन सारी सच्चाई जानने के बावजूद भी तथ्य को छुपाने का प्रयास करती रहीं। जब उनसे इस बाबत पूछताछ की गई तो उसने भी बताया कि वह चाहती थी कि वैक्सीन की बर्बादी हो और लोगों को वैक्सीन ना लगे। उन्हें कोरोना हो ताकि लोग कह सके कि वैक्सीन लगवाने के बाद भी कोरोना कैसे हो गया? साथ यूपी सरकार की भी बदनामी हो।
यह कहीं आपके शहर में तो नहीं हो रहा है। वैक्सीन लेते समय अच्छे से जांच कर ले कि आपको सही से वैक्सीन दिया जा रहे हैं या नहीं।
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